बेरहम SHO की तानाशाही की वज़ह से सिपाही की पत्नी (सिपाही) और नवजात बच्ची की मौत !!

जालौन: एसएचओ ने सिपाही को नहीं दी छुट्टी, गर्भवती पत्नी और नवजात की हुई मौत !!

“ऐसी कोई दर्दनाक घटना दुबारा किसी सिपाही के साथ परिवार में ना हो इसलिए Repost रुकना नहीं चाहिए”
“क्योंकि ऐसी घटनाएं अक्सर सिपाहियों के साथ होते देखने को मिल रही है”
“अधिकारी संज्ञान में ले”
ऐसी समस्याओं का समाधान होना जरूरी है !!

यूपी के जौलान में गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर एसएचओ ने सिपाही को छुट्टी नहीं दी। पत्नी को सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही आला अधिकारियों ने सिपाही को तुरंत छु्ट्टी दी !!

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले के रामपुर थाने में तैनात सिपाही ने थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सिपाही ने आरोप लगाया है कि घर से फोन आया कि पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है। इसके लिए उसने थानाध्यक्ष से छुट्टी मांगी, लेकिन थानाध्यक्ष ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया। छुट्टी नहीं मिलने पर सिपाही ने परिजनों को फोन करके पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए कहा। परिजनों पत्नी को सीएचसी ले गए, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। दोनों की हालत गंभीर होने के कारण जच्चा-बच्चा को आगरा रेफर कर दिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दोनों की मौत हो गई। विभागीय जांच में थानाध्यक्ष दोषी पाए गए हैं !!

सिपाही विकास निर्मल दिवाकर मैनपुरी के कुरावली थाना क्षेत्र के गांव बेलाहार का रहने वाला है। जालौन जिले के रामपुर थाने में उसकी तैनात है। सिपाही विकास ने बताया कि वह कई दिनों से एसएचओ (थानाध्यक्ष) अर्जुन सिंह से पत्नी का प्रसव अच्छी जगह कराने के लिए छुट्टी मांग रहा था, लेकिन एसओ साहब ने छुट्टी देने से साफ मना कर दिया था !!

उसने बताया कि शुक्रवार को पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। घर से फोन आया, लेकिन एसओ साहब ने छुट्टी देने से मना कर दिया। इसके बाद परिजनों को फोन करके पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए कहा। परिजन सीएचसी पर ले गए, जहां पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया। यहां से डॉक्टरों ने आगरा रेफर कर दिया। आगरा ले जाते समय दोनों ने दम तोड़ दिया। समय पर सिपाही की पत्नी को उपचार नहीं मिलने से दोनों की मौत हुई है। सिपाही विकास ने एसओ अर्जुन सिंह की शिकायत एसपी से की है। एएसपी असीम चौधरी ने कहा कि विभागीय जांच में थानाध्यक्ष दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी !!

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