ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस साल यह तिथि काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई सालों बाद 30 मई को सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या के दिन किया गया व्रत,पूजा-पाठ,स्नान व दान आदि का अक्षय फल मिलता है।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस साल यह तिथि काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई सालों बाद 30 मई को सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या के दिन किया गया व्रत,पूजा-पाठ,स्नान व दान आदि का अक्षय फल मिलता है।