शिवसेना को अगर कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो 30 जून का दिन महाराष्ट्र के इस सियासी घमासान में निर्णायक हो सकता है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर अभी संख्या बल किसके साथ है? क्या डिप्टी स्पीकर बहुमत परीक्षण से पहले बागियों को अयोग्य घोषित कर सकते हैं?
शिवसेना को अगर कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो 30 जून का दिन महाराष्ट्र के इस सियासी घमासान में निर्णायक हो सकता है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर अभी संख्या बल किसके साथ है? क्या डिप्टी स्पीकर बहुमत परीक्षण से पहले बागियों को अयोग्य घोषित कर सकते हैं?