ज्योतिषि शास्त्र के विद्वानों के अनुसार दशहरा पूजन 5 अक्टूबर, बुधवार को दशमी तिथि विजय मुहूर्त के संयोग में भगवान श्रीराम,वनस्पति और शस्त्र पूजा करनी चाहिए। फिर इसके बाद दशहरे की शाम को रावण दहन की परंपरा निभाई जाती है।
ज्योतिषि शास्त्र के विद्वानों के अनुसार दशहरा पूजन 5 अक्टूबर, बुधवार को दशमी तिथि विजय मुहूर्त के संयोग में भगवान श्रीराम,वनस्पति और शस्त्र पूजा करनी चाहिए। फिर इसके बाद दशहरे की शाम को रावण दहन की परंपरा निभाई जाती है।