Toran Kumar reporter
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर भारी बवाल हुआ. दरअसल, कुआकोंडा थानाक्षेत्र के श्यामगिरी गांव में धर्मांतरित लोगो को मूल आदिवासी धर्म में वापस लाने के लिए बैठक चल रही थी. जहां धर्मांतरित नौ परिवार के सदस्य भी मौजूद थे. इस दौरान तनाव इतना बढ़ा कि बात मारपीट तक पहुंच गई. घटना की खबर मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया.
जानकारी के अनुसार, मूल आदिवासी धर्म में लौटाने को लेकर 9 परिवारों के साथ बैठक चल रही थी, जहां तनाव बढ़ा और स्थिति धक्का-मुक्की और मारपीट तक पहुंच गई. यहां तक कि बैठक में मौजूद महिलाओं ने धर्मांतरित महिलाओं के साथ मारपीट कर दी.
दो घंटे तक तक गांव में दाखिल नही हो पाई फोर्स
दरअसल, इस विवाद के बाद गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई. पुलिस जवानों और मीडियाकर्मियों को श्यामगिरी गांव के ही बाहर ही यह कहते हुये रोक दिया गया कि गांव की सामाजिक बैठक के बाद आप लोग दाखिल होना, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने के लिये दंतेवाड़ा के एडिशनल एसपी रामकुमार बर्मन ने अतिरिक्त बलों की मांग की थी. इसके बाद यहां जवानों ने आंसू गैस का गोला, लाठी, हेल्मेट और सुरक्षा कवच लेकर पूरे श्यामगिरी गांव को छावनी में बदल दिया. मौके पर प्रशासन की तरफ से एसडीएम अभिषेक तिवारी भी मौजूद थे.
11 परिवारों के धर्मान्तरित होने के बाद लगातार बैठकें
श्यामगिरी गांव में एक-एक करके 11 परिवार आदिवासी रीति रिवाज और परंपरा से किनारा करते हुये धर्मांतरित हो गये थे. इनको घर वापसी के तहत बैठक कर मनाया जा रहा था. तीन परिवारों ने घर वापसी भी की, लेकिन अब भी नौ परिवार के सदस्य अलग तरीके से गांव में पूजा पाठ कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इसको लेकर उनके गांव के देव नाराज हो रहे हैं. इसलिए जब तक सभी मूल आदिवासी समाज में नहीं आएंगे तब तक इसी तरह उन्हें मनाने की कोशिशें जारी रहेंगी.
एडिशनल एसपी रामकुमार बर्मन ने कहा कि हम किसी भी पक्ष के बीच तनाव नहीं चाहते. जैसे ही सूचना मिली स्थिति को नियंत्रित करने के लिये महिला पुलिसकर्मियों के साथ बल तैनात कर स्थिति को कंट्रोल किया गया.
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