अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी ने किया आत्मदाह, सपा ने सरकार पर साधा निशाना दिल दहल जाएगा देखकर वीडियो

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी. पुलिस ने यह जानकारी दी. उधर, राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना को हत्‍या करार दिया. सपा ने प्रशासन को जल्‍लाद और अमानवीय बताकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

वहीं, एडीजोन कानपूर आलोक सिंह ने जनपद कानपुर देहात के थाना रूरा क्षेत्रान्तर्गत घटित घटना के सम्बन्ध में तत्काल मौके पर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण किया है और मृतका के परिजनों से बात  कर प्रकरण में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया है.

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि ” योगी जी आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है.” इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा कि ”योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे. लगातार चुन चुनकर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है, जिन्होंने ‘ग्राम समाज’ भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया. पीड़ितों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश गौतम और पीड़ित प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए. उन्होंने कहा कि घटना से आक्रोशित परिजनों व उनके समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गयी.

आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. मां-बेटी के आत्मदाह की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली

अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन से मुलाकात की थी और संबंधित परिवार के मुखिया के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी.

पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गांव में पहुंची थी, तभी महिला और उसकी बेटी ने अपनी झोपड़ी के अंदर खुद को आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई. उन्होंने कहा, “हम मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है.”

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि ” योगी जी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है.”

इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा कि ”योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे. लगातार चुन चुनकर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं. दलित-पिछड़ों के साथ-साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं.” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है

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