तुर्की और सीरिया में भूकंप से 15 हजार से ज्यादा की मौत, मदद के लिए पहुंची भारतीय सेना ने संभाला मोर्चा

तुर्की और सीरिया में पिछले दिनों आए विनाशकारी भूकंप से अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. द एसोसिएटेड प्रेस ने आज गुरुवार को ये जानकारी दी. तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत एवं बचाव दल जीवित लोगों की तलाश में लगे हैं. दुनिया के 24 से अधिक देशों के बचाव दल राहत अभियान में मदद कर रहे हैं. इसमें भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने तुर्की में मोर्चा संभाल लिया है और भूकंप प्रभावित इलाकों में फील्ड हॉस्पिटल बनाया गया है और घायलों का इलाज किया जा जा रहा है. इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में भी जुट गई हैं.

दूसरी तरफ तुर्की सरकार से आपदा क्षेत्र में और मदद भेजने के आह्वान के बीच, राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहारनमारस में एक प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने कहा, ‘हम अपने किसी भी नागरिक को सड़क पर नहीं छोड़ेंगे.’ तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि भूकंप में मारे गए उन लोगों को जिनकी पहचान नहीं हो सकी, उन्हें पांच दिनों के भीतर दफना दिया जाएगा. एजेंसी ने कहा कि देश में मरने वालों की संख्या 12000 को पार कर गई है.

सीरियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार के कब्जे वाले इलाकों में मरने वालों की संख्या 1,400 से अधिक हो गई है, जबकि विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर पश्चिम में कम से कम 1,600 लोग मारे गए हैं. सोमवार को आए भूकंप के बाद से मृतकों की कुल संख्या 15 हजार से अधिक हो गई हैं. भूकंप से बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है. तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे.

सरकार से आपदा क्षेत्र में और मदद भेजने की मांग के बीच राष्ट्रपति एर्दोआन को बुधवार को भूकंप के केंद्र पजारसिक शहर और सबसे बुरी तरह प्रभावित हाते प्रांत की यात्रा करनी थी. तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है. दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के लगभग दो दिन बाद, बचाव दल ने तीन वर्षीय एक बच्चे आरिफ कान को कहरामनमारस में एक ढह चुकी एक इमारत के मलबे के नीचे से निकाला.

लड़के के पिता, एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे. केसी मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया. कुछ घंटों पहले, बचावकर्ताओं ने 10 वर्षीय बैतूल एडिस को अदियामन शहर में उसके घर के मलबे से निकाला. लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उसके दादा ने उसे चूमा और बड़े प्यार से उससे बात की. इसके बाद उसे एंबुलेंस से ले जाया गया.

दो दर्जन से ज्यादा देशों के राहत दल तुर्की के आपातकालीन कर्मियों के साथ काम कर रहे हैं तथा दुनिया के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री का आना भी जारी है. एर्दोआन ने कहा कि देश के 8.5 करोड़ लोगों में से 1.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और उन्होंने 10 प्रांतों में आपातकाल घोषित कर दिया है.

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