उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम से चार किलोमीटर ऊपर स्थित गांधी सरोवर में रविवार सुबह भारी हिमस्खलन हुआ, हालांकि इस घटना में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
चोराबारी ग्लेशियर के पास सुबह करीब 5 बजे हुए हिमस्खलन को श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल फोन के कैमरों में कैद किया और इसमें बर्फ का एक विशाल बादल तेजी से पहाड़ से नीचे गिरता हुआ और एक गहरी खाई में गिरने के बाद रुकता हुआ दिखाई दिया।
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अधिकारियों के अनुसार, हिमस्खलन केदारनाथ घाटी के ऊपरी छोर पर स्थित बर्फ से ढकी मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखला के नीचे, चोराबारी ग्लेशियर में गांधी सरोवर के ऊपरी क्षेत्र में हुआ।
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हिमस्खलन से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है और उन्होंने आश्वासन दिया कि केदारनाथ घाटी सहित पूरा क्षेत्र सुरक्षित है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण, जो हिमस्खलन के समय मंदिर में मौजूद थे, ने बताया कि श्रद्धालुओं ने करीब पांच मिनट तक इस अद्भुत प्राकृतिक घटना को बड़ी उत्सुकता के साथ देखा।
उत्तराखंड में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिरों की चार धाम यात्रा के चलते मंदिर में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ है।
गौरतलब है कि 8 जून को चोराबारी ग्लेशियर में एक और हिमस्खलन हुआ था।
2022 में सितंबर और अक्टूबर के महीनों में इस क्षेत्र में तीन हिमस्खलन हुए। मई और जून 2023 में चोराबारी ग्लेशियर में हिमस्खलन की ऐसी पांच घटनाएं सामने आईं। इसके बाद भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान और वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों ने क्षेत्र का स्थलीय और हवाई सर्वेक्षण करके पूरी स्थिति का जायजा लिया।
वैज्ञानिकों की टीम ने तब इन घटनाओं को हिमालयी क्षेत्र में ‘सामान्य’ बताया था, लेकिन उन्होंने केदारनाथ धाम क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया था।