UP के फ़िरोज़ाबाद मे 14 जनवरी 2025 को अपने सगे भांजे संग अय्याशी मे जुटी महिला ने अपने पति सतेंद्र कुमार की हत्या कर दी थी। इस केस मे रोशनी व उसका बॉयफ्रेंड भांजा गोविन्द जेल गया था। 300 दिन चली सुनवाई के बाद अब अदालत ने भांजे व पत्नि रोशनी को उम्र कैद की सजा सुनाई।
यूपी के फिरोजाबाद में न्यायालय ने पति की हत्या की दोषी पत्नी व उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों को सजा करीब नौ महीने में मिल गई है। दोनों पर अर्थ दंड लगाया। अर्थ दंड न देने पर उनको अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। थाना खैरगढ़ के गांव बेरनी निवासी रोशनी पत्नी सतेंद्र कुमार के अपने भांजे गोविंद पुत्र चंद्रप्रकाश निवासी अलीनगर केजरा के अवैध संबंध थे। सतेंद्र ने पत्नी को काफी रोकने का प्रयास किया।
वह अपनी आदतों से बाज नहीं आई। वह अक्सर युवक की गैरमौजूदगी में अपने भांजे से मिलती थी। पति द्वारा लगातार अवैध संबंधों का विरोध किए जाने के बाद रोशनी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति सतेंद्र कुमार की 14 जनवरी 2025 को गला दबाकर हत्या कर दी थी। सतेंद्र के भाई ने उसकी पत्नी और भांजे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
खैरगढ़ पुलिस ने विवेचना के बाद महिला और उसके प्रेमी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र रमेश चंद्र द्वितीय कोर्ट संख्या 8 की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अजय कुमार शर्मा ने की।
मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय में पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने प्रेमी गोविंद व मृतक की पत्नी रोशनी को 103(1) बीएनएस के तहत दोषी माना। न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 20-20 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया। अर्थ दंड न देने पर उनको एक एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
24 घंटे में खुलासा और 300 दिनों दिलाई सजा: एसएसपी
एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि खैरगढ़ में हुई युवक की हत्या में महिला और उसके प्रेमी को सजा दिलाने में पुलिस की अहम भूमिका रही। करीब नौ महीने के अंदर ही दोनों आरोपियों को कोर्ट में मजबूत साक्ष्यों को प्रस्तुत करने के बाद सजा दिलवाई गई। घटना के अनावरण को उस समय एसओजी और सर्विलांस सहित दो पुलिस टीमों का गठन किया था। घटना का सफल अनावरण करते हुए 24 घण्टे में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।
विवेचक निरीक्षक मनोज कुमार ने अभियुक्त गोविन्द व अभियुक्ता रोशनी के विरूद्ध मात्र 35 दिवस में भौतिक साक्ष्य आदि संकलन करते हुए विवेचना में आरोप पत्र प्रेषित किया था। पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए अभियुक्त गोविन्द व अभियुक्ता रोशनी को मात्र 300 दिवस में ही प्रत्येक को उम्रकैद और 20-20 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा कराई है। सजा दिलाने में थाना प्रभारी खैरगढ़, विवेचक निरीक्षक मनोज कुमार, अभियोजक अजय कुमार शर्मा, पुलिस मॉनिटरिंग सेल और पैरोकार हैड कांस्टेबल योगेश शर्मा की अहम भूमिका रही।

