मणिपुर हिंसा:छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी महिलाओं ने किया प्रदर्शन, मुर्दाबाद केकलाइन नारा

मणिपुर हिंसा के खिलाफ छत्तीसगढ़ में सभी आदिवासी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया

युवतियों और महिलाओं का प्रदर्शन करता है
– फोटो : अमर उजाला

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अमेरिका में करीब 2 महीने से हो रही बेताशा हिंसा और कुछ दिन पहले महिलाओं के नग्न वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में बालोद जिले में जनाब समाज की स्त्रियां और महिलाओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री का पद छोड़े जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।

ताइवानी महिला एवं युवतियों का कहना है कि वह महिला जल रही है। महिलाओं की तरह तार-तार हो रही है और यहां पर जिम्मेदार मौन बैठे हुए हैं। अंतिम कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है। हम सब इस घटना का विरोध कर रहे हैं और उन लोगों को शर्म आनी चाहिए। इतनी ही नहीं राक्षसी महिलाओं ने मोदी के नाम की तस्वीर के साथ दिया।

कुकी समुदाय के लोगों की बेज्जती की जा रही है

किशोरी नीलिमा श्याम ने बताया कि 4 मई को एक वीडियो शूट किया गया था, जिसमें कुछ दिन पहले एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि मॉडलों में से एक की दो महिलाएं नग्न अवस्था में कुया जा रही हैं और दूसरे पक्ष की भीड़ उनके साथ मिलकर कर रही है। गुरुवार को कथित मुख्य कंपनी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना की पत्रिका में व्यापक निंदा की गई है। कुकी समुदाय के लोगों के मुखालफत में बेइज्जती की जा रही है। महिलाओं के साथ अत्याचार और बलात्कार हो रहे हैं।

घटना ने बेटी को शर्म से झुका दिया

युवा हाथों में तख्तियां और पेंटिंग लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री के नाम के साथ गांव की तस्वीर भी दी गई है। महिलाएं और युवा भारत मां के आंचल में बेटियों को सुरक्षित रखने का संदेश दे रही हैं। उनका कहना है कि आज पूरे देश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। मॉक की इस घटना ने पूरे देश में बेटियों को शर्मसार कर दिया है। आज बेटी के सिर को ऊंचा उठाने के लिए किसी ठोस कदम की जरूरत है। यहां पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को भी युवाओं ने ढोलंग का नाम दिया है।

राष्ट्रपति के बांड की मांग

नामांकित युवाओं और महिलाओं ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है। इन युवतियों के मन में जिज्ञासा के प्रति प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है। महिला आशा नोन्हारे ने कहा कि जिम्मेदारों ने मौन अपना लिया है। संसद में नेताओं के नाम से राजनीति हो रही है। अंतिम जलते राज्य पर शुद्धि कौन वहां पर। हम राष्ट्रपति से भी मुक्ति की मांग करते हैं। पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है, लेकिन अभी तक समुदाय विशेष को लेकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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