गुजरात (Gujarat) के वडोदरा के भायली गांव में एक दलित युवक को दिनदहाड़े सड़क पर बेरहमी से पीटने के 12 दिन बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है. कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गुरुवार को राज्य पुलिस से पूछताछ करते हुए वीडियो लिंक ट्वीट किया. इसके बाद घटना ने लोगों का ध्यान खींचा. वड़ोदरा ग्रामीण पुलिस उपाधीक्षक (एससी/एसटी सेल) सी.एन. चौधरी ने गुरुवार शाम मीडियाकर्मियों को बताया कि उक्त वीडियो कुछ दिनों से प्रसारित हो रहा था. चौधरी ने कहा कि जैसे ही पुलिस को वीडियो के बारे में पता चला, उसने पीड़ित की तलाश शुरू कर दी और उसके पास पहुंची. पुलिस के समझाने के बाद पीड़ित अल्पेश परमार ने वडोदरा तालुका पुलिस स्टेशन में सात अज्ञात आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
अधिकारी ने कहा कि घटना के बारे में कांग्रेस विधायक द्वारा ट्वीट किए जाने के एक दिन पहले बुधवार शाम को शिकायत दर्ज कराई गई. चौधरी ने कहा कि अब पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है, उनकी सोशल मीडिया आईडी ट्रैक कर रही है और तकनीकी सर्वेक्षण कर रही है. पीड़ित परमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि 11 दिसंबर की दोपहर वह ब्रॉडवे बिल्डिंग के पास अपनी दोस्त सुरभि पटेल के साथ था, तभी सात युवक उसके पास आए और गाली-गलौज करने लगे, जातिसूचक शब्द बोले, फिर बेल्ट से पीटा और लात मारी
गुजरात में गुंडाराज !
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) December 22, 2022
ऊना कांड के वक्त मोदी जी ने कहा था- "मारना है तो मुझे मारो, मेरे दलित भाईयो को नहीं" लेकिन प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित ही नहीं किया गया की दुबारा इस प्रकार की घटनाएं न घटे। नतीजा-कल वडोदरा जिले में दलित युवक की सरेआम लिंचिंग करने की कोशिश हुई। @dgpgujarat pic.twitter.com/k4LxL87zJN
उसने आरोप लगाया, मुझे पीटते हुए वे सोशल मीडिया पर मेरी टिप्पणी के बारे में बात कर रहे थे. भागने से पहले उन्होंने पुलिस से शिकायत दर्ज करने पर मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी. इसलिए मैंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई.