दिल्ली पुलिस ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे 25 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में उनकी मौजूदगी की गुप्त सूचना मिलने के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व जिला) ऐश्वर्या शर्मा के अनुसार, 13 महिलाओं और 12 पुरुषों को पकड़ा गया. ये लोग एक मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए बांग्लादेश में लोगों के संपर्क में थे, जिससे सीमा पार से संचार का संदेह पैदा हो रहा है. पुलिस ने पुष्टि की है कि इन 25 बांग्लादेशी नागरिकों को जल्द ही दिल्ली स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की मदद से बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा.
पहले की गिरफ्तारियां
इस बड़ी गिरफ्तारी से पहले, पुलिस ने दो अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया था:
- शिशिर ह्यूबर्ट रोजारियो (35) – धनुन गांव, गाजीपुर जिला
- मोहम्मद तौहीदुर रहमान (33) – खोंडोकर पारा, कॉक्स बाजार
दोनों 11 साल से ज्यादा समय से भारत में रह रहे थे और उनके वीजा की अवधि काफी पहले ही समाप्त हो चुकी थी. उन्हें महिपालपुर में पकड़ा गया, जहां वे रहने के लिए जगह ढूंढ रहे थे. जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की, तो वे कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए और उन्होंने स्वीकार किया कि वे अवैध रूप से रह रहे थे. FRRO की मदद से उनके निर्वासन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई.
11 सितंबर को कापसहेड़ा से और पकड़े गए
11 सितंबर को, दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन सेल ने कापसहेड़ा इलाके से चार और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया. इनमें शामिल हैं:
- फरजाना अख्तर – ढाका निवासी
- नजमा बेगम – जेसोर निवासी
- रेशमा अख्तर – पलपारा निवासी
- ओरको खान – कोतवाली जेसोर निवासी
हेड कांस्टेबल सुंदर सिंह को सूचना मिली थी कि कुछ बांग्लादेशी महिलाएं इलाके में संदिग्ध रूप से घूम रही हैं. जब टीम मौके पर पहुंची और उनसे पहचान पत्र मांगा, तो उनमें से कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा सकी. चारों ने अवैध प्रवासी होने की बात स्वीकार की.
आगे क्या होगा?
दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों के निर्वासन की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है. एफआरआरओ उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है. अवैध आव्रजन न केवल एक कानूनी मुद्दा है, बल्कि कई मुद्दों पर भी चिंताएं पैदा करता है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, नकली पहचान पत्रों का उपयोग, नौकरी और आवास पर दबाव और संभावित आपराधिक नेटवर्क शामिल है. पुलिस संवेदनशील इलाकों में निगरानी जारी रखे हुए है और नागरिकों से किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना देने को कहा है.