Neeraj Singh Rajpurohit (Correspondent Jaipur)
नई दिल्ली: केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने गोबर से निर्मित 25,000 दीपक अपने करकमलों से अयोध्या धाम हेतु रवाना किये. दीप प्रस्थान कार्यक्रम को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ तथा जय श्री राम के जोशीले नारो से सम्पूर्ण आसमान गूंज उठा. प्रधानमंत्री ने लोकल से वोकल का नारा दिया था.
उसी के अंतर्गत अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रज्ज्वलन हेतु थारपारकर संवर्द्धन केंद्र द्वारा निर्मित 25,000 गोमय दीपों को अयोध्या पहुंचाया जा रहा है. भारत सिंह जी राजपुरोहित अध्यक्ष जीव जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्था ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. कार्यक्रम में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विरेन्द्र सचदेवा जी, श्रवण कुमार गर्ग जी गौ सेवा आयोग अध्यक्ष, हरियाणा, राजेन्द्र जी गौ सेवा आयोग अध्यक्ष, उत्तराखण्ड , परम गोभक्त संत गोपाल मणि जी महाराज एवं विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष कपिल खन्ना जी भी उपस्थित थे.
7 वर्षों से गोबर से निर्मित दीपक से कामधेनु दीपावली को करती है प्रोत्साहित
आयोजक राव प्रेम सिंह जी ने बताया कि हमारी संस्था विगत 7 वर्षों से गोबर से निर्मित दीपक से कामधेनु दीपावली को प्रोत्साहित करती आयी है. प्रति वर्ष हमारे थारपारकर संवर्द्धन केंद्र, जोधपुर से लाखों गोबर के दिये घर-घर पहुँचाये जाते हैं. हमारी संस्था का ध्येय है कि पर्व एवं त्योहार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, वरन संरक्षण के लिए होते हैं. गोमय दीपों से जहां पर्यावरण का संरक्षण होगा, वहीं हमारी आस्था का भी सम्मान होगा.
थारपारकर गाय के गोबर से निर्मित दीपक अयोध्या के आयोजन में होंगे प्रज्वलित
राजस्थान से प्रथम बार पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी थारपारकर गाय के गोबर से निर्मित एक लाख दीपक अयोध्या के विश्व प्रसिद्ध दीपावली आयोजन में प्रज्वलित होंगे. त्रेता युग में अत्याचार को समाप्त करने के बाद जब श्रीराम अयोध्या पधारे, उस उपलक्ष्य में दीपोत्सव सम्पूर्ण देश में मनाया जाता है.
अयोध्या के दीपोत्सव को एक नये आयाम तक पहुंचाने हेतु यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इससे हम गौ संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. पवित्र स्थल काशी में भी इस बार गौमय दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. गौभक्तो के प्रयासों से देशभर में 11 करोड़ परिवारों के माध्यम से गोबर से निर्मित 33 करोड़ दीप प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है.