‘चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान’, सम्राट पृथ्वीराज चौहान को यह बात उनके विश्वस्त चंदबरदाई ने उस समय समझाई, जब उन्हें बंदी बनाकर मोहम्मद गोरी अपने देश ले गया।
‘चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान’, सम्राट पृथ्वीराज चौहान को यह बात उनके विश्वस्त चंदबरदाई ने उस समय समझाई, जब उन्हें बंदी बनाकर मोहम्मद गोरी अपने देश ले गया।