Indian Railway/IRCTC: रेलवे बोर्ड की बड़ी कार्रवाई, एक दिन में 19 अधिकारियों को जबरन दिया रिटायरमेंट, रेलमंत्री का बड़ा बयान

Indian Railway/IRCTC: रेलवे बोर्ड ने एक ही दिन में प्रथम श्रेणी के 19 वरिष्ठ अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है. इन सभी अफसरों को एक साथ जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) देकर रिटायरमेंट दे दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है कि क्योंकि जब ऑफिसर्स की कामकाज की समीक्षा की गई तो इनमें से कई अफसरों को कार्य करने में अक्षम पाया गया था. इसके लिए उन्हें बार-बार चेतावनी दी जा रही थी, लेकिन वो मान नहीं रहे थे. बता दें कि रेलवे बोर्ड ने इससे पहले 75 अफसरों को भी वीआरएस दे दिया था.

जबरन वीआरएस में बड़े ऑफिसर भी हैं शामिल

रेलवे सूत्रों ने बताया कि जिन ऑफिसर्स को जबरन वीआरएस दी गई हैं उनमें इलेक्ट्रिकल, पर्सनल, मैकेनिकल, स्टोर, सिविल इंजीनियर, सिग्नल इंजीनियर एवं ट्रैफिक सर्विस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. इसमें रेलवे बोर्ड के दो सचिव स्तर के अधिकारियों सहित एक जोनल रेलवे के महाप्रबंधक भी शामिल हैं. इन सबके अलावा वेस्टर्न रेलवे, सेंट्रल रेलवे, ईस्टर्न रेलवे, नॉदर्न सेंट्रल रेलवे, नॉदर्न रेलवे सहित रेलवे उपक्रमों रेल कोच फैक्टरी कपूरथला, मॉडर्न कोच फैक्टरी रायबरेली, डीजल लोकोमोटिव वर्कस वाराणसी और आरडीएसओ-लखनऊ, इन सभी जोन्स  के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्रवाई में शामिल हैं.

जुलाई 2021 से अबतक 94 अधिकारियों पर हो चुकी है कार्रवाई

रेलवे बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, भारतीय रेलवे बोर्ड ने कार्य में अक्षम अधिकारियों को वीआरएस देने का सिलसिला जुलाई, 2021 में शुरू किया था, जिसमें जुलाई, 2021 में नौ अधिकारी, अगस्त में छह, सितंबर में चार, अक्तूबर में सात, नवंबर में नौ और दिसंबर में छह अधिकारियों को वीआरएस दिया गय था. अब नए साल में जनवरी 2022 में 11, फरवरी में आठ, मार्च में सात, अप्रैल में पांच और 10 मई तक तीन अफसरों को वीआरएस दे दिया गया है.

क्या है रेलवे की वीआरएस योजना

बता दें कि फंडामेंटल रूट (FR) के सेक्शन-56(J) के तहत सरकार अधिकारियों को नौकरी से निकाल सकती है. इस प्रक्रिया के तहत सेवानिवृत्त किए गए अधिकारियों को दो से तीन महीने तक का वेतन दिया जाता है. इसके साथ ही उन्हें पेंशन व अन्य देय का लाभ भी दिया जाता है. जबकि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) योजना में कर्मचारियों को नौकरी के बचे हुए साल के हिसाब से प्रति वर्ष दो माह के हिसाब से वेतन दिया जाता है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति में यह लाभ नहीं मिलता है.

अब जून-जुलाई में होगी अगली कार्रवाई

सूत्रों ने बताया कि जून-जुलाई में एक बार फिर से जबरन रिटायरमेंट पर भेजे जाने वाले अधिकारियों की सूची तैयार हो रही है. उन पर अक्षमता, कार्य के प्रति सत्यनिष्ठा, खराब प्रदर्शन आदि को लेकर काफी समय से चेतावनी दी जा रही थी. तीन सदस्यों की कमेटी ने कामकाज की समीक्षा के बाद उन पर वीआरएस लेने का दबाव बनाया था.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिखाई सख्ती

सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड, जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों के साथ बैठक में साफ कहा है कि ‘काम करो या घर जाओ.’ वैष्णव के 11 माह के कार्यकाल में वरिष्ठ अधिकारियों के वीआरएस लेने का आंकड़ा अबतक 94 पहुंच गया है. आगे भी वीआरएस देने के लिए अधिकारियों की खोजबीन जारी है.

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