SC, ST, OBC आरक्षण को लेकर पीएम मोदी ने खोले कई राज, बताया किस तरह पिछले दरवाजे से छीना गया इनका हक

नईदिल्ली। इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “मुझे मेरे SC, ST, OBC और अति पिछड़े भाई बहनों को सचेत करना है, क्योंकि इनको अंधेरे में रख कर के ये लोग लूट चला रहे हैं। चुनाव एक ऐसा समय है जो सबसे बड़ा संकट आ रहा है उससे देशवासियों को मुझे जागरूक करना चाहिए। इसलिए मैं आग्रह पूर्वक जनता जनार्दन को समझा रहा हूं।

दो चीजें हो रही हैं- एक भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है। संविधान की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया जा रहा है और वो भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए। मुझे याद है मैंने सदन में कभी कांग्रेस के नेताओं को सुना तो वे कहते थे कि PSU का आप नीजिकरण कर रहे हैं तो आप आरक्षण मिटा देना चाहते हैं। ये सच्चाई नहीं है। जो लोग अपने आप को दलितों के हितैशी कहते हैं, आदिवासियों के हितैशी कहते हैं वे हकीकत में उनके घोर दुश्मन हैं। इन्होंने रातों रात शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान बना दिया और उसमें आरक्षण खत्म कर दिया… दिल्ली में जो जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय है उसमें सारे आरक्षण खत्म हो गए। बाद में उभर कर आया कि करीब-करीब 10 हजार ऐसे संस्थान हैं जिसको इस प्रकार से आरक्षण के SC, ST, OBC के अधिकार को पिछले दरवाजे से छीन लिया गया है।”

2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी OBC प्रमाणपत्रों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया, “उनके पास एक कार्यप्रणाली है। सबसे पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश में कानून बनाकर इसे अल्पसंख्यकों को देने का पाप शुरू किया, वे हार गए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है इसलिए उन्होंने चतुराई से पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया और इन लोगों ने रातों-रात मुस्लिमों की सभी जातियों को ओबीसी बना दिया और ओबीसी से उनके अधिकार छीन लिए…जब हाई कोर्ट का फैसला आया तो साफ हो गया कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है लेकिन उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अब वो न्यायपालिका का भी दुरुपयोग कर रहे हैं… ये स्थिति किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हो सकती।”

इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “जहां तक मोदी का सवाल है, मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खा कर गाली प्रूफ बन गया हूं। ‘मौत का सौदागर’ और ‘गंदी नाली का कीड़ा’ किसने कहा था? संसद में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था, 101 गालियां गिनाई थीं। तो चाहे चुनाव हो या न हो, ये लोग (विपक्ष) मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है और वे इतने हताश-निराश हो चुके हैं कि गालियां देना अपशब्द बोलना उनका स्वभाव बन गया है …”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ANI को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर अपनी बात बेबाक तरीके से रखी है। पीएम ने कहा कि “आपने आखिरी दौर शब्द का इस्तेमाल किया, मुझे उसमें बहुत सी चीजें नजर आ रही है। एक तो यह कि हमारा नया युग शुरू होगा। दूसरा जो लोग बड़े सपने देख कर बड़े वादे कर रहे थे, यह उनके लिए भी आखिरी दौर है। चुनाव का आखिरी दौर है ऐसा नहीं है, यह उनकी स्थितियों का भी आखिरी दौर है।”

Leave a Reply