TMC, NCP और CPI को चुनाव आयोग से क्यों मिला झटका? जानें अब देश में कितनी बचीं नेशनल पार्टी

Toran Kumar reporter.11.4.2023/✍️

चुनाव आयोग ने सोमवार को ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और शरद पवार (Sharad Pawar) को बड़ा झटका देते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को मिले राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया. इसके साथ-साथ चुनाव आयोग ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का दर्जा भी वापस ले लिया है. इन सबके बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के लिए चुनाव आयोग (Election Commission Of India) की तरफ से अच्छी खबर मिली. चुनाव आयोग ने AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है. आयोग ने अलग-अलग आदेशों में उत्तर प्रदेश में RLD, आंध्रप्रदेश में BRS, मणिपुर में PDA, पुडुचेरी में PMK, पश्चिम बंगाल में RSP और मिजोरम में MPC को दिया गया राज्यस्तर की पार्टी का दर्जा भी खत्म कर दिया है.

देश में अब कितनी नेशनल पार्टी?

तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को मिले राष्ट्रीय दल का दर्जा खत्म होने के बाद देश में अब छह नेशनल पार्टियां हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक देश में अब BJP, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (M), बहुजन समाज पार्टी (BSP), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और ‘आप’ (AAP) ही राष्ट्रीय पार्टी हैं.

AAP को क्यों मिला नेशनल पार्टी का दर्जा?

चुनाव आयोग ने कहा कि ‘आप’ को चार राज्यों-दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है. ‘आप’ का गठन अरविंद केजरीवाल ने 2012 में किया था और इसने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव तथा 2022 में पंजाब में जीत हासिल की. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? यह चमत्कार से कम नहीं है. सभी को बहुत-बहुत बधाई. देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहां पहुंचाया है. लोग हमसे काफी उम्मीदें रखते हैं. आज लोगों ने हमें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है. ईश्वर हमें इस उत्तरदायित्व को अच्छी तरह से निभाने का आशीर्वाद दें.’

इस वजह से वापस लिया गया दर्जा

आयोग के मुताबिक इन दलों का रिजल्ट नियम के मुताबिक नहीं आ पाया इस वजह से इनका दर्जा वापस लिया गया है. इन्हें 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे. इसके बाद ही इन दलों के प्रदर्शन को रिव्यू किया गया. हालांकि ये पार्टियां आगे के प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा वापस हासिल कर सकती हैं. चुनाव आयोग ने इसके साथ-साथ यह भी कहा कि NCP और तृणमूल कांग्रेस (NCP) को हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमशः नगालैंड और मेघालय में राज्य स्तर के दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी.

कब मिला था राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

तृणमूल कांग्रेस को 2016 में ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा मिला था. हालांकि गोवा और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में इसके खराब प्रदर्शन के कारण यह दर्जा वापस ले लिया गया. वहीं, NCP का गठन 1999 में शरद पवार ने किया गया था और कई चुनावों में लगातार जीत के बाद 2000 में यह राष्ट्रीय पार्टी बन गई. उधर, 1925 में स्थापित CPI को 1989 में एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी. हालांकि पश्चिम बंगाल और ओडिशा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद यह दर्जा वापस ले लिया गया

कैसे मिलता है नेशनल पार्टी का दर्जा?

  • राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तब मिलता है जब किसी पार्टी को चार या उससे ज्यादा राज्यों में कुल वोट का कम से कम 6 प्रतिशत वोट मिला हो.
  • या फिर लोकसभा चुनाव में कुल सीटों का 2 फीसदी सीट कम से कम तीन या उससे अधिक राज्यों में मिली हो.
  • अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हो तो उसे भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है.

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