नए संसद भवन के उद्घाटन में गाय लेकर क्यों नहीं गए पीएम मोदी? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने क्यों पूछा ऐसा सवाल

नई दिल्ली। ज्योतिश पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा स्थित नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान एक गाय को भी अंदर लाया जाना चाहिए था।

इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर गाय की मूर्ति संसद भवन में प्रवेश कर सकती है, तो जीवित गाय को अंदर क्यों नहीं लाया जा सकता?

‘भवन में असली गाय को ले जाना चाहिए था’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि नए संसद भवन में प्रवेश करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सेंगोल धारण किया था, उस राजदंड पर एक गाय अंकित थी।

आगे कहा कि आशीर्वाद देने के लिए एक असली गाय को भी भवन में लाया जाना चाहिए था। अगर देरी होती है, तो हम देश भर से गायों को लाकर संसद भवन में लाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे प्रधानमंत्री और भवन को असली गाय का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

‘गौ सम्मान के लिए तैयार किया जाए प्रोटोकॉल’
वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने मांग करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार तुरंत गौ सम्मान के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करे। आगे कहा कि राज्य ने अभी तक यह घोषित नहीं किया है कि गाय का सम्मान कैसे किया जाए। उसे एक प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देना चाहिए ताकि लोग उसका पालन कर सकें और इसके उल्लंघन पर दंड भी निर्धारित करना चाहिए।

संवाददाताओं से बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि धर्म संसद ने होशंगाबाद के सांसद दर्शन सिंह चौधरी के समर्थन में एक बधाई प्रस्ताव को पारित किया है। इसमें मांग किया गया है कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए।