Toran Kumar reporter
Halal-Certified Products: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार (18 नवंबर) को हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने और भंडारण पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया. यूपी सरकार ने कहा कि तेल, साबुन, टूथपेस्ट और शहद जैसे शाकाहारी प्रोडक्ट्स के लिए हलाल प्रमाणपत्र जरूरी नहीं है.
सरकार ने दावा किया है कि यह प्रतिबंध सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में और भ्रम को रोकने के लिए है. यूपी सरकार के आदेश में कहा गया है, “खाद्य उत्पादों का हलाल प्रमाणीकरण से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में भ्रम पैदा होता है और यह पूरी तरह से कानून मूल इरादे के खिलाफ है
Uttar Pradesh government banned production, storage, distribution and sale of 'Halal-certified' food products, except in cases where this certificate is required for export purposes.
— Government of UP (@UPGovt) November 19, 2023
The action was taken after #UPCM Shri @myogiadityanath Ji took cognizance of the issue of forged… pic.twitter.com/9qvCLrqK5J
क्या होता है हलाल और इसका सर्टिफिकेशन?
वह प्रोडक्ट जो इस्लामी कानून की आवश्यकता को पूरा करते हैं और मुसलमानों के इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त हैं. उन्हें हलाल-सर्टिफाइड प्रोडक्ट कहा जाता है. हलाल एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है अनुमति.
गौरतलब है कि हलाल सर्टिफिकेशन पहली बार 1974 में वध किए गए मांस के लिए शुरू किया गया था. हालांकि, इससे पहले हलाल सार्टिफिकेशन का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है. हलाल मांस का मतलब वह मांस है, जिसे इस्लामी प्रक्रिया की मदद से हासिल किया जाता है.
इसके मुताबिक जानवर को गले की अन्नप्रणाली (Throat Oesophagus) और गले की नसें काट कर मारा जाता है. हालांकि, 1993 में हलाल प्रमाणीकरण सिर्फ मांस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे अन्य उत्पादों पर लागू किया गया.
गैर-मांस प्रोडक्ट को हलाल प्रमाणपत्र क्यों मिलते हैं?
हाल ही में वंदे भारत ट्रेन में चाय प्रीमिक्स के एक पाउच को लेकर हंगामा हो गया. इस पर कंपनी ने बताया कि सार्टिफिकेशन अन्य देशों के लिए था, क्योंकि वे उस चाय का निर्यात करते थे. अब हलाल सार्टिफिकेशन मांस तक ही सीमित नहीं है. कुछ कॉस्मेटिक आइटम्स में भी इसकी जरूरत होती है. इसके जरिए यह दर्शाया जाता कि इन प्रोडक्ट्स में शराब, सुअर की चर्बी आदि जैसे कोई ‘हराम’ प्रोडक्ट्स का इस्तेमास नहीं किया गया है.
कौन देता है हलाल सर्टिफिकेशन?
प्रोडक्टों को आयात करने वाले देशों को भारत में किसी मान्यता प्राप्त निजी संगठन से हलाल प्रमाणपत्र लेना होता है, क्योंकि इस क्षेत्र में कोई सरकारी विनियमन नहीं है. वाणिज्य मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में हलाल प्रमाणीकरण पर एक मसौदा दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कृषि और प्रोसेस फूड प्रोडक्ट्स को इसकी निगरानी नामित किया जाएगा.