Uttarakhand Tunnel Rescue: अब मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश! अब तक लगभग 50 मीटर की मिली सफलता

Toran Kumar reporter

उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल (Silkyara Tunnel Rescue) में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हर कोशिश की जा रही है. रेस्क्यू के दौरान कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अब मैन्युअल ड्रिलिंग की जा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर मौजूद हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है और पाइप को धकेलने के लिए बरमा मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऑगर मशीन के खराब हो जाने के बाद अब हाथ से खुदाई करने का फैसला किया गया था.

क्या बोले माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट?

माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने बताया कि कल रात यानी 27 नवंबर की रात काम बहुत अच्छा हुआ. उन्होंने कहा कि 50 मीटर पार किया जा चुका है. अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है. कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी. यह बहुत अच्छा लग रहा है. अब काफी चीजें सकारात्मक लगने लगी हैं.

पीएम मोदी बनाए हुए हैं नजर
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो हफ्ते से उत्तराखंड सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में सरकार और विभिन्न एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने बचाव प्रयासों के दौरान प्रकृति द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए लोगों से फंसे हुए मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए प्रार्थना करने को कहा.

रैट हॉल माइनिंग’ एक्सपर्ट्स मौजूद

बता दें कि, ‘रैट हॉल माइनिंग’ एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है, जो सुरंग में मलबे को हाथ से साफ कर रहे हैं. अगर कहीं सरिया या गर्डर या अन्य प्रकार की मुश्किलें आईं तो मशीन से उसे काटा जाएगा और फिर मशीन से पाइपों को अंदर डाला जाएगा. इससे पहले ऑगर मशीन का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन मशीन खराब होने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों को निकालने की कोशिश की जा रही है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के अंदर एक पाइप बिछाने के लिए सुरंग के मुहाने से लगभग 57 मीटर तक ड्रिलिंग का काम किया जाना है. क्रिस कूपर ने बताया कि वह 50 मीटर पार कर चुके हैं. अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सिल्कयारा सुरंग पहुंचे, जहां फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का अभियान चल रहा है.

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