UP:लापता हुई महिला सिपाही की खेत में मिली लाश…दर्दनाक साजिश का खुलासा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सुबेहा थाने में तैनात महिला कांस्टेबल विमलेश पाल की हत्या ने पुलिस तंत्र और सामाजिक संवेदनाओं पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं. 27 जुलाई से लापता विमलेश का शव बुधवार सुबह बहराइच-बाराबंकी हाईवे के पास खेत में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला. न परिवार ने खोजबीन की, न ही विभाग ने कोई ठोस प्रयास किया.

हाईवे किनारे पड़ी रही लाश, महादेवा मेले की सुरक्षा भी सवालों में

जहां सावन के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाईवे से लेकर मेला क्षेत्र तक चौकसी के दावे किए जा रहे हैं, वहीं उसी रूट पर एक सिपाही की लाश पड़ी रही और किसी को भनक तक नहीं लगी. महादेवा मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भी जांच के घेरे में है, जहां महिला कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई थी.

पोस्टमार्टम से पहले नहीं बोले अधिकारी, सिर पर वार से हुई हत्या

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला सिपाही की हत्या सिर पर किसी भारी वस्तु से वार कर की गई. सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं. हालांकि, रामनगर थानाध्यक्ष का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आधिकारिक रूप से कुछ कहा जाएगा.

आईजी और एसपी ने दी अंतिम विदाई, परेड ग्राउंड में दी श्रद्धांजलि

शव मिलने के बाद मसौली थाना क्षेत्र में पुलिस ने विधि-विधान से पोस्टमार्टम कराया. देर शाम कमरियाबाग श्मशान में अंतिम संस्कार हुआ. इस मौके पर आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार, एसपी अर्पित विजयवर्गीय और अन्य पुलिस अधिकारियों ने परेड ग्राउंड में पुष्पांजलि अर्पित कर कंधा दिया.

इंद्रेश मौर्या पर दर्ज हुआ हत्या का केस, पहले लग चुका है दुष्कर्म का आरोप

बहन पूजा पाल की तहरीर पर हरदोई में तैनात सिपाही इंद्रेश मौर्या के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार, 2024 में विमलेश ने इंद्रेश पर दुष्कर्म का केस भी दर्ज कराया था, जिसे बाद में कोर्ट में समझौते के आधार पर सुलझाया गया था. दोनों ने शादी कर साथ रहने की बात कही थी.

मौत से पहले दी थी धमकी की सूचना, बोली थी- इंद्रेश मार डालेगा

विमलेश की बहन पूजा के मुताबिक, 27 जुलाई को विमलेश ने फोन पर कहा था कि इंद्रेश उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इंद्रेश और उसके भाई ने मिलकर विमलेश की हत्या की है. मौके से मिली स्कूटी इंद्रेश के नाम पर पंजीकृत थी, जो मामले को और भी संदिग्ध बना देती है.

पुलिस महकमे की संवेदनहीनता उजागर, जांच के आदेश

पूरे घटनाक्रम ने पुलिस महकमे की लापरवाही को उजागर कर दिया है. न तो गुमशुदगी पर गंभीरता दिखाई गई और न ही सहयोगी के लापता होने पर खोजबीन की गई. आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार ने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है और जल्द मामले का खुलासा किया जाएगा.