Ujjain Mahakal Mandir: महाकालेश्वर शिवलिंग का हो रहा क्षरण… कलेक्टर ने बड़े कदम की ओर किया इशारा

Toran Kumar reporter..21.6.2023/✍️

उज्जैन:12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain Mahakal Mandir News) में स्थित है। उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग ना सिर्फ भारत बल्कि विश्व में प्रसिद्ध है। महाकाल लोक बनने के बाद महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या रोजाना लाखों के पार पहुंच रही है। इससे गर्भगृह में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की लापरवाही से महाकाल ज्योतिर्लिंग के शिवलिंग को नुकसान पहुंच रहा है। इसकी वजह से शिवलिंग के क्षरण की संभावना बढ़ती जा रही है। पहले के मुकाबले क्षरण अब बढ़ चुका है। ऐसे में गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी गई है।

महाकाल शिवलिंग क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि महाकाल ज्योतिर्लिंग में जो जल चढ़ाया जाता है, उसका पीएच भी निर्धारित किया गया था। इसके साथ ही कई सुरक्षा नियमों के पालन करने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी शिवलिंग के क्षरण को लेकर चिंता जताई है। गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध करने की सलाह दी गई है

इस वजह से शिवलिंग का हो रहा है क्षरण
वहीं, शिवलिंग पर रोजाना भस्म रगड़ने उसे स्पर्श करने और जल चढ़ाने की वजह से उसमें हो रहा क्षरण तेजी से बढ़ रहा है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की समिति ने सालाना निरीक्षण के बाद बनाई गई रिपोर्ट को देखकर इस विषय पर चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट के मुताबिक शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली पूजन सामग्री के कण उसी में चिपके रह जाते हैं। इसकी वजह से बैक्टीरिया को पनपने के लिए मीडियम मिलता हैं,जो आगे जाकर छिद्र का निर्माण करते हैं।

घटता जा रहा है शिवलिंग का आकार

महाकाल शिवलिंग का क्षरण हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक शिवलिंग का आकार 50 सालों में धीरे-धीरे घटता जा रहा है। इस परेशानी को ध्यान में रखकर गर्भगृह में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की सलाह दी जा रही है।

दरअसल, 2019 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की समिति महाकाल में हो रहे शिवलिंग क्षरण का निरीक्षण करने के लिए बनाई गई थी। हर साल ये समिति महाकाल परिसर का परीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपती है। दिसंबर 2022 में समिति ने निरीक्षण किया था। पिछली रिपोर्ट देखने के बाद भी 2021 में दिए गए कई सुझावों पर अमल नहीं किया गया।

खासकर शिवलिंग पर भस्म का गिरना, श्रद्धालुओं की स्पर्श पूजा और रगड़ने से ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार शिवलिंग पर हो रहे क्षेत्र लगातार बढ़ रहे हैं जो आगे जाकर उसके आकार को और छोटा कर सकते हैं।

उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि यह करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र है। श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि है। पवित्र शिवलिंग की हमलोग मॉनिटरिंग करते रहे हैं। शिवलिंग का कुछ क्षरण हुआ है। उसे रोकने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। श्रद्धालु पवित्र शिवलिंग को स्पर्श करना चाहते हैं। इतनी संख्या में लोग प्रवेश करेंगे तो नुकसान संभावित है।

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