Top 10 Facts About Chandrayaan-3: चंद्रयान के बारे में ये 10 बातें चौंका देंगी आपको, ISRO वैज्ञानिकों को देंगे शाबासी

Toran Kumar reporter..24.8.2023/✍️

Top 10 Facts About Chandrayaan-3: 40 दिनों के इंतजार के बाद Chandrayaan-3 ने चंद्रमा पर आज 23 अगस्त 2023 को सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है. आपको ये जानकर और भी हैरानी होगी कि भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रूव पर उतरा है. चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग सामान्य बात नहीं है. क्योंकि यहां के कंडिशन उत्तरी ध्रूव से बिल्कुल अलग है. ISRO के अनुसार Chandrayaan 3 के लैंडर ने चंद्रमा की धरती को 6.04 pm बजे छुआ. Chandrayaan-3, यानी “चांद की सवारी” ने श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को सफर शुरू किया था.

चंद्रयान-3 के बारे में ये 10 बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए :

1. चंद्रयान -3 मिशन में 615 करोड़ की लागत आई है. इससे पहले चंद्रयान -2 मिशन में 978 करोड़ रुपये की लागत आई थी.
2. रोवर प्रज्ञान सहित 1749.86 किलोग्राम वजन वाले विक्रम लैंडर की मिशन लाइफ एक चंद्र दिवस है. चांद का एक दिन, पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है.
3. चंद्रयान चंद्रमा की मिट्टी के नजदीक-सतह प्लाज्मा (आयन और इलेक्ट्रॉन) घनत्व को मापेगा. चंद्रयान-3 चंद्रमा के लैंडिंग वाली जगह के आसपास भूकंपीयता (seismicity) को भी मापेगा. यह मिशन यह पता लगाने में मदद करेगा कि चंद्रमा की मिट्टी पर किस प्रकार के रसायन पाए जाते हैं. एएन अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) लैंडिंग की जगह के आसपास की मिट्टी और चट्टानों की मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, कैल्शियम, टाइटेनियम और आयरन जैसी इलीमेंटल कंपोजिशन देखेगा.
4. ISRO के Chandrayaan 3 मिशन की सफलता के साथ

भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कराई है.
5. चीन के साथ भारत चंद्रमा पर ऑपरेटिंग रोवर रखने वाला दूसरा देश बन गया है.
6. भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले चीन, अमेरिका और सोवियत संघ यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.
7. इस मिशन में जिन कंपनियों का हाथ रहा है, उसमें Larson and Tubro, Mishra Dhatu Nigam, BHEL, Godrej Aerospace, Ankit Aerospace, Walchandnagar Industries शामिल है.

8. Chandrayaan-3 स्पेसक्राफ्ट को बनाने के लिए ISRO चेयरमैन S Somanath ने जनवरी 2022 में प्रोजेक्ट की कल्पना की और इसे पूरा करने में उनके साथ प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल; उन्नीकृष्णन नायर, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक; यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक एम शंकरन रहे.
9. भारत ने पहली बार साल 2009 में चंद्रयान-1 के जरिये ये पता लगाया था कि चंद्रमा के उस क्षेत्र में जहां अंधेरा रहता है, वहां जमा हुआ पानी है. Chandrayaan-1 भारत का पहला मून मिशन था, जिसे 22 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान -3 अब वो काम पूरा करेगा, जिसे चंद्रयान -1 ने अधूरा छोड़ दिया था.
10. चंद्रयान-3 चंद्रमा पर 25 अगस्त को लैंड करने वाला था लेकिन वो समय से पहुंच गया और सफल लैंडिंग की

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