1500 पन्नों में ज्ञानवापी का सच! सीलबंद लिफाफे में वाराणसी कोर्ट में पेश की गई सर्वे की रिपोर्ट

Gyanvapi Masjid: वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद केस में ASI टीम ने 1500 पन्नों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की.  ASI टीम ने सर्वे रिपोर्ट जिला जज की अदालतको सौंपी. दरअसल, मस्जिद के एक भाग को छोड़कर हर हिस्से की जांच की गई थी. हिंदू पक्ष का मानना है कि मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण करवाया गया था. मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.

क्या है ज्ञानवापी मामला

साल 1991 में स्थानीय पुजारियों ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में पूजा की अनुमति मांगी थी. इस याचिका में पुजारियों ने दावा किया कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को गिराकर यहां मस्जिद का निर्माण करवाया गया था.

यह मामला दोबारा कब खुला

एक स्थानीय वकील विजय शंकर रस्तोगी ने निचली अदालत में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था, उन्होंने मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जरिए सर्वे कराने की भी मांग की. वकील विजय शंकर रस्तोगी ने यह याचिका दिसंबर 2019 में उस समय दाखिल की, जब सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद मामले में फैसला सुनाया था. रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला आने के बाद यह याचिका दाखिल की गई थी.

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