यूपी के उन्नाव में जिस शख्स ने SP ऑफिस के बाहर खुद को आग लगाई थी, उसकी लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई.

Toran Kumar reporter

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एसपी ऑफिस के अंदर बुधवार को एक युवक ने मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। गंभीर रूप से घायल युवक को इलाज के लिए लखनऊ मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जहां उसकी गुरुवार की रात इलाज के दौरान मौत हो गई। इस बात की पुष्टि थाना प्रभारी पुरवा सुरेश कुमार सिंह ने की है। बताया जाता है कि पोस्टमॉर्टम के बाद उसका शव शुक्रवार को उसके गांव भूलेमऊ पहुंचेगा और फिर अंतिम क्रिया होगी।

एसपी ऑफिस के अंदर लगा ली थी आग
जानकारी के अनुसार, पुरवा कोतवाली के भूलेमऊ गांव निवासी श्रीचंद्र पासी का गांव के ही कुछ लोगों जमीनी विवाद चल रहा था। विवाद के चलते मारपीट भी हुई थी, जिसमे मुकदमा भी लिखा गया था। पीड़ित के भाई का आरोप है की वह न्याय के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने को मजबूर थे।

अगर हमारी मौत होती है तो उसके जिम्मेदार सीओ होंगे’
पीड़ित के भाई का आरोप था कि पुलिस उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रही थी और जो मुकदमा लिखा गया था उसमें सीओ पुरवा ने 3 लोगों के नाम भी हटा दिया था और आरोपियों की मदद कर रहे थे और उल्टा हमारे परिवार के खिलाफ भी मुकदमा लिख दिया गया था। जबकि हम लोग विरोधियों पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे थे। बुधवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित ने कहा था अगर हमारी मौत होती है तो उसके जिम्मेदार सीओ पुरवा होंगे।

पुलिस पर लगाए थे गंभीर आरोप

पीड़ित के भाई ने यह भी आरोप लगाया था कि मारपीट वाले मामले में सीओ ने एक तरफा कार्रवाई की थी। अधिकारियों के यहां कई बार प्रार्थनापत्र देने के बाद भी जब उसे न्याय नहीं मिला तो उसने आहत होकर बुधवार को वह एसपी ऑफिस पहुंचा और पीछे के गेट से अंदर घुसकर एएसपी के ऑफिस के बाहर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली थी। घटना के बाद अफरा तफरी मच गई। जिस समय यह घटना हुई थी उस समय एएसपी अखिलेश सिंह अपने ऑफिस में फरियादियों की फरियाद सुन रहे थे।

पीड़ित पक्ष के आरोपों की होगी जांच
एएसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि बुधवार को आईजी तरुण गाबा मौके पर पहुंचे थे और घटना की जांच की थी। अखिलेश ने बताया पीड़ित पक्ष की दो मांगें थी, जिसमें एक थी कि 3 नाम एफआईआर से क्यों हटाए गए? जबकि वह मुख्य आरोपी थे। और दूसरी मांग में पीड़ित पक्ष का कहना है कि एक हफ्ते बाद हम लोगों के ऊपर फर्जी मुकदमा लिखा गया है।

इस पर एएसपी ने बताया कि इस मामले में फिर से जांच होगी अगर मुकदमा फर्जी होंगे तो उन्हें जांच के बाद हटाया जाएगा। इसके साथ ही तीन लोगों के नाम एफआईआर से कैसे हटे इसकी भी जांच होगी, साथ ही कहा की पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है।

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