Toran Kumar reporter
तेलंगाना: 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा राज्य में सिर्फ एक सीट जीती थी, वह सीट थी ग्रेटर हैदराबाद की गोशामहल सीट। 2014 में पार्टी का टीडीपी के साथ गठबंधन था और तब वह 5 सीटें जीती थी। लेकिन, दोनों बार ही गोशामहल पार्टी के ही खाते में गई थी।
हैदराबाद की गोशामहल में बीजेपी की हैट्रिक
गोशामहल ने भाजपा को इस बार हैट्रिक लगाने का मौका दिया है और यह हैट्रिक लगाई है पार्टी और तेलंगाना में हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे टी राजा सिंह ने।
वह इस सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं और उन्होंने बीआरएस के नंद किशोर व्यास को 21 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया है।
पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी के चलते विवादों में आए थे
टी राजा सिंह पिछले साल पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी की वजह से काफी विवादों में आ गए थे। उन्हें बीआरएस की सरकार ने जेल में भी डाला था। इसकी वजह से भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित भी कर दिया था।
चुनावों से पहले उनके निलंबन वापसी की चर्चा शुरू हुई तो सवाल उठ रहे थे कि नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की वजह से यह मुश्किल हो सकता है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी किया प्रचार
लेकिन, विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी में न सिर्फ उनकी वापसी हुई, बल्कि उन्हें गोशामहल से ही टिकट दिया गया, जहां उनके समर्थन में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रचार किया था।
ओवैसी की पार्टी के मुख्यालय के पास राजा सिंह का जलवा
गोशामहल विधानसभा सीट हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के हेडक्वार्टर के ठीक करीब है, लेकिन यहां राजा सिंह की लोकप्रियता इतनी है कि उन्होंने करीब एक दशक से इसे अपना गढ़ बना लिया है।
46 वर्षीय राजा सिंह मतदान से पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि अगली बार यानि 2028 में उन्हें प्रचार की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत काम किए हैं।
गोशामहल सीट पर करीब दो लाख सत्तर हजार वोटर हैं। इनमें से सत्तर हजार मुस्लिम मतदाता हैं। खुद लोढ़ा समाज से आने वाले राजा सिंह ने यहां ऐसा जनाधार बनाया है कि बीआरएस या उसकी सहयोगी एमआईएम उनको लगातार तीन चुनावों में घेर नहीं पायी है।
भीड़ को दिला चुके हैं हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ
ये वही राजा सिंह हैं, जिन्होंने इसी वर्ष रामनवमी के अवसर पर हैदराबाद में हजारों की भीड़ को भारत को अखंड हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई दी थी।