जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने SIT का किया गठन, कहा- राजनीतिक ड्रामा नहीं बनना चाहिए

Toran Kumar reporter

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल का गठन किया। विशेष जांच दल (एसआईटी) में सीबीआई और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अधिकारी और एफएसएसएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

पीठ ने कहा कि विशेष जांच दल द्वारा की जाने वाली जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह अदालत को “राजनीतिक युद्ध के मैदान” के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देगी। पीठ ने मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया।

 रिपोर्टर अनुसार पीठ ने कहा, “हम नहीं चाहते कि यह मामला राजनीतिक ड्रामा में बदल जाए।” सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगर आरोपों में सच्चाई का कोई तत्व है, तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि एसआईटी द्वारा जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा सकती है।

30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने मेहता से यह तय करने में मदद करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करानी चाहिए। उसने शीर्ष विधि अधिकारी से इस मुद्दे पर विचार करने और इस संबंध में सहायता करने को कहा था।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि राज्य में पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए “घृणित आरोप” लगाने का आरोप लगाया और राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने अपने दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की।

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