श्रीलंका में सरकार के समर्थक और विरोधियों के बीच जारी हिंसक झड़प के बाद स्थिति और खराब होती जा रही है. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच कल सत्तारूढ़ पार्टी का एक सांसद गोली लगने के कारण मृत पाया गया है. कई सांसदों और पूर्व मंत्रियों पर हमला किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नाराज प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) के हंबनटोटा स्थित पुश्तैनी घर (Mahinda Rajapaksa Home Burnt) को आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया. अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं.
House of just-resigned PM of Sri Lanka Mahinda Rajapaksa burnt down. Houses of many MPs also have been burnt down. pic.twitter.com/oq10kRoiEj
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 9, 2022
श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन जारी (Helpline Numbers for Indians):
भारत सरकार की तरफ से श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर (Helpline Numbers for Indians) जारी किए गए हैं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम परिस्थितियों पर निगाह बनाए हुए हैं.
Helpline Number: +94-773727832
Email ID: [email protected]
मृत पाए गए सांसद
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के अमरकीर्ति अतुकोरला के वाहन को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया था, जिसके बाद वह घटनास्थल से भाग खड़े हुए. ऐसे भी आरोप लगाए गए हैं कि सांसद अतुकोरला ने उनकी गाड़ी का रास्ता रोक रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं थी. हालांकि बाद में वो खुद पास ही में एक इमारत में मृत पाए गए. अपुष्ट रिपोटरें में दावा किया गया है कि अमरकीर्ति कोलंबो से लगभग 40 किलोमीटर दूर निताम्बुवा शहर में एक इमारत में मृत पाए गए. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उन्होंने खुद ही अपनी जान ले ली. एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सांसद पिस्तौल लिए अपने अंगरक्षक के साथ फुटपाथ पर दौड़ रहे थे. सांसद द्वारा कथित रूप से गोली मारने के कारण घायल दो प्रदर्शनकारियों में से एक की हालत गंभीर है.
कल दोपहर के बाद भड़की हिंसा
कल दोपहर को पूरे श्रीलंका में हिंसा भड़क उठी, क्योंकि इस्तीफा देने वाले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का समर्थन करने वाले असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिन्होंने दो स्थानों पर कब्जा कर रखा था. वे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के प्रवेश द्वार और कोलंबो में महिंदा के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे.हथियारों से लैस गुंडों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जो अब हफ्तों से वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने उनके टेंटों को आग लगा दी.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, एक द्वीप-व्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था, लेकिन कर्फ्यू को धता बताते हुए लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कथित तौर पर सत्तारूढ़ सांसदों और स्थानीय नेताओं के कई घर जला दिए गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया है.
देश में फैली हिंसा के साथ, महिंदा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा अपने छोटे भाई गोटाबाया को सौंप दिया है. एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा द्वीप राष्ट्र मुख्य रूप से भोजन, ईंधन, दवा, रसोई गैस की कमी और कई घंटों तक बिजली कटौती के कारण महीनों लंबे विरोध प्रदर्शन झेल रहा है. पिछले शुक्रवार से कोलंबो और उसके उपनगरों के निवासी रसोई गैस और ईंधन की अनुपलब्धता के विरोध में सड़कों पर जाम लगा रहे हैं. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन गोटबाया राजपक्षे ने अपनी सरकार को हटाने और एक सर्वदलीय मंत्रिमंडल के साथ देश चलाने का विकल्प चुना है.