झुलसे शवों का मामला: हरियाणा पुलिस ने प्रेग्नेंट महिला के गर्भपात होने को लेकर राजस्थान के पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की

हरियाणा पुलिस (Haryana police) ने भरतपुर अपहरण व हत्या मामले (Bharatpur kidnapping and murder case) में एक आरोपी की मां की शिकायत पर राजस्थान पुलिस (Rajasthan police) के 30 से 40 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ गर्भवती बहू के गर्भपात को लेकर मामला दर्ज किया है. आरोपी की मां ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि उसके बेटे को पकड़ने के लिए मारे गये छापे के दौरान उसकी गर्भवती पुत्रवधू पर राजस्थान से आये पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर हमला किया था, जिसके चलते उसका गर्भपात हो गया.

दुलारी देवी की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 148 (दंगा करने, घातक हथियारों से लैस होने), 149 (अवैध रूप से एकत्र होने), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग करना), 452 (घर में बगैर अनुमति के प्रवेश करना) और 312 (गर्भ गिरने की स्थिति पैदा करना) के तहत यहां नगीना थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

नूंह के पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला ने पीटीआई-भाषा को बताया, हमने मृत बच्चे का शव कब्र खोद कर निकाला था, जिसका पोस्टमार्टम सोमवार को चिकित्सकों के एक बोर्ड ने किया और अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है. दुलारी देवी की शिकायत के बाद, राजस्थान पुलिस के अज्ञात कर्मियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

दुलारी देवी, आरोपी श्रीकांत पंडित की मां है. यह व्यक्ति बजरंग दल से संबद्ध उन पांच लोगों में शामिल है, जिन पर राजस्थान के भरतपुर निवासी दो व्यक्तियों का कथित तौर पर अपहरण व हत्या करने का मामला दर्ज किया गया था. अपहृत व्यक्तियों के झुलसे हुए शव बृहस्पतिवार को हरियाणा के भिवानी स्थित लोहारू में मिले थे. हालांकि, राजस्थान पुलिस ने दुलारी देवी के आरोपों से इनकार किया है.

एक अधिकारी ने कहा, नूंह पुलिस ने मंगलवार को राजस्थान पुलिस के 30 से 40 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. राजस्थान पुलिस शुक्रवार सुबह श्रीकांत के मरोदा गांव स्थित घर में छापा मार रही थी, तभी (उसकी पत्नी के साथ) यह कथित घटना हुई.

श्रीकांत की मां ने आरोप लगाया है कि सादे कपड़ों में आये राजस्थान पुलिस के 30 से 40 कर्मियों ने छापे के दौरान उसकी पुत्रवधू पर हमला किया, जिसके बाद उसने एक मृत बच्चे को जन्म दिया. श्रीकांत की मां ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस जबरन उसके दो अन्य बेटों को अपने साथ ले गई. इन आरोपों के बाद, नूंह के पुलिस अधीक्षक ने विषय की जांच शुरू की है. अधिकारी ने कहा कि बच्चे की मौत का कारण अब तक पता नहीं लग सका है क्योंकि फोरेंसिंक विज्ञान प्रयोगशाला से ‘विसरा’ जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है.

बता दें कि जुनैद और नासिर नाम के दो व्यक्तियों का गोरक्षकों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था और उनकी हत्या कर दी थी. पूर्व में, भरतपुर के पुलिस अधीक्षक पी श्याम सिंह ने दावा किया था कि राजस्थान और हरियाणा के पुलिसकर्मी श्रीकांत के घर गये थे, लेकिन परिसर में दाखिल नहीं हुए थे. उन्होंने कहा था, आरोपी मौजूद नहीं था. उसके दो भाई घर से बाहर आए थे और पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया गया था. महिला के आरोप झूठे हैं. भरतपुर मामले की प्राथमिकी में बाद में चार और आरोपियों को नामजद किया गया. श्रीकांत, बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर नीत गौरक्षक समूह का सदस्य है

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