गौहर चिश्ती की गिरफ्तारी के बाद हो रहे हैं खुलासे, उदयपुर जाकर कन्हैयालाल के हत्यारों से की थी मुलाकात

राजस्थान की अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) पर कथित रूप से विवादित नारा ‘सर तन से जुदा’ लगाने वाले गौहर चिश्ती (Gauhar Chishti) की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बड़े खुलासे किए हैं. अजमेर के एसपी चूना राम जाट ने बताया कि भड़काऊ बयान के मामले में गिरफ्तार करके हैदराबाद से अजमेर लगाया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार चिश्ती अजमेर से फरार होने के बाद उदयपुर (Udaipur Tailor Killing) पहुंचा था. वहां उसने ई बैंकिग के जरिए एक बड़ा बैंकिगं ट्रांजेक्शन किया था.

सूत्रों के अनुसार चिश्ती ने उदयपुर में कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज और गौस मौहम्मद से भी मुलाकात की थी, वहां से गौहर सीधा जयपुर पहुंचा था. सूत्रों का दावा किया कि जयपुर से फ्लाइट के माध्यम से वह हैदराबाद पहुंचा था. उन्होंने बताया हैदराबाद एयरपोर्ट पर चिश्ती को अमानुल्लाह उर्फ मुनव्वर ने रिसीव किया था. पुलिस ने बताया कि गौहर हैदराबाद के पीली खान इलाके में वेश बदलकर छुपा हुआ था. सूत्रों की मानें तो NIA की टीम आज गौहर को ट्रांजिट वारंट के जरिए अपने कब्जे में ले सकती है.

अजमेर कोर्ट में किया जाएगा पेश

राजस्थान पुलिस ने विवादित नारा ‘सर से तन जुदा’ देने वाले गौहर चिश्ती और उसके दोस्त मुन्नावर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया और शुक्रवार तड़के दोनों आरोपियों को लेकर अजमेर पहुंची. दोनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. सुरक्षा कारणों से आरोपियों को दरगाह थाने की जगह क्रिश्चियन गंज थाने ले जाया गया। वहीं दरगाह थानाध्यक्ष दलबीर सिंह फौजदार ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की. मामला दर्ज होने के बाद से गौहर चिश्ती फरार हो गया था. वह हैदराबाद में अपने पुराने दोस्त मुन्नावर के घर जाकर छिपा था. पुलिस ने मुन्नावर को भी आरोपी को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि नूपुर शर्मा मामले में गौहर चिश्ती ने ‘सर से तन जुदा’ विवादित बयान दिया था. 17 जून को चिश्ती ने अजमेर की दरगाह के बाहर खड़े होकर यह विवादित नारा लगाया था. इसके बाद वह फरार हो गया। तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही है. 23 जून को अजमेर में चिश्ती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. कुछ दिनों बाद 28 जून को उदयपुर में कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. चिश्ती की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सात टीमों का गठन किया, जो पूरे देश में उसकी तलाश कर रही थी.

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