कबीरधाम: राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर भारतीय युवा धर्म परिषद ने कहा- राज्य में हिंसा निषेध

भारतीय आदिवासी धर्म परिषद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है

अखिल भारतीय जनजातीय धर्म परिषद के सदस्यों को नामांकित किया गया।
-फोटो :संवाद

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डेमोक्रेट्स में हो रही हिंसा को लेकर सोमवार को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में अखिल भारतीय धर्म जनाब परिषद (राज्य महिला समिति) ने नामांकन को राष्ट्रपति के नाम से प्रतिबंधित कर दिया। ऑस्ट्रियाई काउंसिल के लाइसेंसधारी ने कहा कि, आदिवासी समाज को विशेष अधिकार की डिग्री प्राप्त है, वे विद्वानों की हिंसा को लेकर चिंतित हैं। कुकी और मैतेई समाज के बीच चल रही हिंसा की वजह से बहुत से लोगों की हत्या और हत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसे राज्य सरकार में रोक पाना जारी है।

काउंसिल की ओर से कहा गया है कि, पिछले दिनों मिले वीडियो के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो रही है कि बड़ी संख्या में हमारी गर्लफ्रेंड्स के साथ सामूहिक बलात्कार किया जा रहा है। जिसका विरोध कर रही है राज्य सरकार को। यह भी विषय निकल कर सामने आया है कि बड़ी मात्रा में बंदूक और विस्फोटक सामग्री का उपयोग रिफ़ूजी लोगों द्वारा किया जा रहा है। इससे जनमाल का नुकसान हो रहा है। ऐसी स्थिति में वहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। राज्य सरकार केंद्र और सरकार उक्त मामले में विफल साबित हुई है। काउंसिल ने राज्य सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन स्थापित करने और विद्रोही लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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