Neeraj Singh Rajpurohit (Correspondent Jaipur)
Jaipur: राजस्थान में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव का माहौल पूरी तरह से बन गया है, विधानसभा क्षेत्र में भले ही मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक हो लेकिन प्रदेश में कई सीटें ऐसी हैं जहां हर जीत का अंतर पंचायत चुनाव की तरह बहुत कम रहा है, 2018 के विधानसभा चुनाव में कौन सी सीटें ऐसी रही जहां पर बहुत कम हर और जीत का अंतर देखा गया।
विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रत्याशी के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र के हर वोटर तक पहुंचना बहुत मुश्किल काम होता है, इसका कारण है कि विधानसभा क्षेत्र का इलाका बहुत बड़ा होता है और मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक होती है, लेकिन हर बार के चुनाव में राजस्थान में कुछ विधानसभा की सीटें ऐसी होती हैं जहां हर और जीत का अंतर बिल्कुल सरपंच के चुनाव की तरह होता है, राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां विधानसभा चुनाव का नतीजा एक वोट के अंतर से भी तय हो चुका है, 2008 के विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा सीट से उसे समय के कांग्रेस के संभावित CM के दावेदार सीपी जोशी महज एक वोट से अपना चुनाव हार गए थे,
ऐसा कहा जाता है कि चुनाव में सीपी जोशी की पत्नी ने अपना वोट नहीं किया था अगर उन्होंने वोट किया होता तो सीपी जोशी चुनाव जीत सकते थे, इसीलिए चुनाव में एक-एक वोट का महत्व प्रत्याशियों के लिए बहुत मायने रखता है, 2018 के विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश में एक दर्जन सीटें ऐसी रहीं थीं जहां हार जीत का अंतर बहुत कम मार्जिन का रहा था, ऐसे में इन सीटों पर हारे हुए और जीते हुए प्रत्याशियों की कोशिश रहेगी कि वह अपने विधानसभा इलाके में अधिक से अधिक जनसंपर्क करें और हर वाटर तक पहुंचने में कामयाब हो, विधानसभा चावन में कम अंतर से हार और जीत का सबसे बड़ा कारण होता है कांटे का चुनाव होना यहां दोनों ही प्रत्याशी एक दूसरे पर भारी पड़ते हैं लेकिन अंत में जिसका मैनेजमेंट और जनसंपर्क अधिक होता है उसे चुनाव में जीत मिलती है,
2018 के विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर हार जीत का अंतर बहुत कम रहा है । वहां के लिए ऐसे तो दोनों पार्टियों भी खास रणनीति बना रही है जिस पार्टी को कम वोटो से जीत मिली वह पार्टी यहां जीत का अंतर बढ़ाने के लिए खास योजना बना रही है तो वहीं कुछ वोटो से ही सीट गंवाने वाली पार्टी भी इस सीट को अपने कब्जे में लेने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा रही है। पिछले चावन में कम वोटो के अंतर से विधायक नहीं बन पाए प्रत्याशी भी इस बार टिकट मिलने से पहले ही जी जान लगा रहे हैं।
2018 के चुनाव में वह कौन सी सीटें थी जहां बहुत कम अंतर से हार और जीत का फैसला हुआ
1- भीलवाड़ा जिले की आसींद विधानसभा सीट जहां बीजेपी प्रत्याशी जब्बार सिंह सांखला ने कांग्रेस के मनीष मेवाड़ा को 154 वोटों के अंतर से हराया।
2- हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा सीट रही, जहां भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार ने कांग्रेस के विनोद कुमार को 278 वोटों से हराया।
3- बूंदी विधानसभा क्षेत्र में जीत का अंतर 713 रहा। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार अशोक डोगरा ने कांग्रेस के हरिमोहन शर्मा को 713 वोटों से हराया।
4- सीकर जिले के फतेहपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हाकम अली खान ने बीजेपी की सुनीता कुमारी को 860 वोटों से हराया।
5- जैसलमेर जिले की पोकरण सीट पर जीत का अंतर 872 वोटों का रहा ,इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शाले मोहम्मद ने बीजेपी के प्रतापपुरी को हराया।
6- झुंझुनू के खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र में जीत का अंतर 957 वोट रहा, कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र सिंह ने बीजेपी के धर्मपाल को 957 वोटों से हराया।
- जयपुर जिले के चौमू निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के रामलाल शर्मा ने कांग्रेस के भगवान सहाय सैनी को 1,288 वोटों से हराया।
8- जयपुर के मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार काली चरण सराफ ने कांग्रेस की अर्चना शर्मा को 1,704 वोटों से हराया।
9- चित्तौड़गढ़ की बेगूं सीट पर कांग्रेस के बिधूड़ी राजेंद्र सिंह ने बीजेपी के सुरेश धाकर को 1,661 वोटों से हराया।
10- झालावाड़ जिले के खानपुर निर्वाचन क्षेत्र में जीत का अंतर 2,265 था।
विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के नरेंद्र नागर ने कांग्रेस के सुरेश को हराया।