Neeraj Singh Rajpurohit (Correspondent Jaipur)
जयपुर: कोचिंग सिटी कोटा की ही तरह अब राजधानी जयपुर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज से भी डरावनी खबरें सामने आने लग गई हैं. यहां चार दिन पहले एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर ने मौत को गले लगा लिया था. उसके बाद आज फिर एक महिला रेजीडेंट ने सुसाइड का प्रयास किया है. उसे गंभीर हालात में एसएमएस के मेडिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया है. वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. सुसाइड का प्रयास करने वाली रेजीडेंट पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा है.
महज चार दिन के भीतर दिल को दहला देने वाले दो मामले सामने आने के बाद अब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की पेशानी पर भी बल पड़ने लग गए हैं. हालांकि अभी तक सुसाइड और सुसाइड के प्रयास के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन रेजिडेंट्स इसे वर्क प्रेशर बता रहे हैं जबकि कॉलेज प्रशासन इन्हें पर्सनल प्रॉब्लम मान रहा है. बहरहाल दोनों मामलों की तह में जाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
ससुराल में रहकर पढ़ाई कर रही है
सोमवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी डिपार्मेंट में पीजी कर रही प्रथम वर्ष की महिला रेजिडेंट की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे गंभीर हालत में यहां मेडिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया है. 29 वर्षीया रेजिडेंट मूलत मुंबई की रहने वाली बताई जा रही हैं. वह जयपुर में अपने ससुराल में रहकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज से पीजी की पढ़ाई कर रही हैं.
अधिक मात्रा में खाई नींद की गोलियां
प्रारंभिक तौर पर जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक अधिक मात्रा में नींद की गोलियां लेने की बात सामने आ रही है. रविवार देर रात रेजिडेंट ने अधिक मात्रा में नींद की गोलिया खा ली थी. इसके बाद वह सुबह उठ नहीं पाई. उसके बाद परिजन उसे एसएमएस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. वहां उसे मेडिकल आईसीयू विंग में एडमिट कर लिया गया. डॉक्टर्स के मुताबिक अभी महिला की तबीयत स्थिर बनी हुई है.
27 अक्टूबर को सामने आया था पहला केस
इससे पहले बीते 27 अक्टूबर को एक रेजीडेंट के सुसाइड का मामला सामने आया था. उसमें भी महिला रेजिडेंट ने सुसाइड का प्रयास किया था. वह कांवटिया अस्पताल में रेजिडेंट पीडियाट्रिक विभाग में अध्ययनरत थी. वह जेके लॉन अस्पताल से कांवटिया अस्पताल में रूटीन ड्यूटी कर रही थी. उसने ऑन ड्यूटी खुद को बेहोशी के इंजेक्शन लगा लिया था. बाद में उसे गंभीर हालत में एसएमएस के मेडिकल आईसीयू में भर्ती किया गया. वहां 28 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
स्ट्रेस कम करने की कोशिश की जा रही है
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य राजीव बगरहट्टा का कहना है कि रेजीडेंट के स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए उन्हें काफी एक्टिविटीज करवाई जा रही है. स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के जरिए भी उनका स्ट्रेस कम करने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि रेजिडेंट सुसाइड अटैम्प करने के वाले दोनों केसेज में मानसिक तौर पर पहले से परेशानी सामने आ रही है. इसके लिए अलग से काउंसलिंग पर जोर देने की कोशिश की जाएगी.