रायपुर पुलिस ने किया लूट की झूठी रिपोर्ट का खुलासा, दो गिरफ्तार

रायपुर। रायपुर में इस्कॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर से हुए 20 लाख रूपये लूट की वारदात का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। इस लूटकांड का मास्टरमाइंड कोई और नही बल्कि खुद कंपनी का सुपरवाइजर ही निकला, जिसने कर्ज में डूबे अपने दोस्त के लिए इस लूट की साजिश रची थी। पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी ने खुद ही कंपनी के पैसों को अपने साथी को देकर फर्जी लूट की कहानी पुलिस को बतायी थी। पुलिसि ने इस लूट कांड के मुख्य आरोपी कंपनी के सुपरवाइजर सहित उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।

मामले का खुलासा करते हुए एएसपी कीर्तन राठौर और क्राइम ब्रांच डीएसपी संजय सिंह ने बताया कि सांई फ्यूल्स और इस्कान इंडिया प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के सुपरवाइजर मनोज कुमार ध्रुव ने गुरुवार को 20 लाख रुपए बाइक सवारों द्वारा लूट लेने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसकी जांच के दौरान मनोज का विस्तृत बयान लिया गया और घटना का रीक्रिएशन कराया गया। बयान और घटना का रीक्रिएशन के दौरान विरोधाभासी बातें सामने आई। इसके अलावा आसपास के सीसीटीवी कैमरों में भी लूटपाट करने वाले बाइक सवार दो युवक नजर नहीं आए। इससे मनोज पर ही शक हुआ। उससे और गहराई से पूछताछ करने पर लूट की वारदात झूठी निकली

मनोज ने अपने साथी योगेंद्र कुमार भारती के साथ मिलकर 20 लाख रुपए को अपने पास रख लेने और लूट की झूठी कहानी बनाकर शिकायत करने का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस की टीम ने मनोज के घर से 18 लाख 54 हजार रुपए बरामद कर लिया। उसके साथी योगेंद्र कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है।

कर्ज में डूबा था दोस्त
पूछताछ में मनोज ने बताया कि योगेंद्र का टेंट और मोबाइल शॉप की दुकान है। वह कर्ज में डूबा हुआ है। कुछ दिनों से वह मनोज से पैसों की मांग कर रहा था। मनोज के पास अक्सर कंपनी के पैसे होते थे। इस कारण दोनों मिलकर लूट की कहानी रची। घटना से एक दिन पहले घटना स्थल और रास्ते को देख लिया था। इसके बाद घटना वाले नोटों से भरा बैग उसने योगेंद्र को दे दिया। फिर मुजगहन थाने में लूट होने की झूठी शिकायत करने पहुंचे।

घटना वाले दिन पुलिस को लगा कि सही में लूट हो गई। क्राइम ब्रांच की टीम भी बाहरी गिरोह होने की आशंका में आसपास के इलाके में तलाश में जुटी रही। अलग-अलग टीमें बनाकर उसकी तलाश में लगी थी। इस दौरान मनोज के बताए अनुसार बाइक सवार दो बदमाश सीसीटीवी फुटेज में नजर नहीं आए, तो पुलिस को शक हुआ। इसके बाद घटना रीक्रिएट कराने से शक और गहरा हो गया। फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

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