रायपुर 10 फरवरी 2024। राजधानी पुलिस ने शातिर ठगी गैंग का खुलासा किया है। IPS संतोष सिंह की राजधानी पुलिस की कमान संभालने के बाद की ये सबसे बड़ी कार्रवाई की है। ये गैंग इंश्योरेंस वेरीफिकेशन डिपार्टमेंट का अफसर व कर्मचारी बताकर देशभर में ठगी की वारदात किया करता था। रायपुर पुलिस ने दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर के जरिये चल रहे ठगी के गैंग का पर्दाफाश किया है। रायपुर SSP संतोष सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। दरअसल बिजली विभाग में DGM के पद से रिटायर हुई अफसर के साथ पिछले सात सालों से ठगी की वारदात हो रही थी।
शातिर गैंग 2016 से उनके साथ संपर्क में था और उन्हे बीमा पॉलिसी दिलाने व रिटायरमेंट के बाद पॉलिसी की रकम एकसाथ मिलने का झांसा देकर अलग-अलग स्टालमेंट में 70 लाख रुपये जमा करा चुका था। ठग खुद का नाम किशन वर्मा और पुनीत जोशी बताया करते थे। दोनों ने 12 जनवरी 2017 से लेकर अब तक अलग-अलग तारीख को किश्तों में 70 लाख रुपये जमा करवाये। कुछ दिन तक अलग-अलग बातें होती रही और फिर अचानक से दोनों का मोबाइल बंद हो गया। रिटायर अफसर को अहसास हो गया, कि वो ठगी का शिकार हो गयी है। जिसके बाद महिला अफसर ने आरोपियों के विरूद्ध थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 75/24 धारा 420, 467, 468, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
शिकायत पर गंभीरता दिखाते हुए एसपी संतोष सिंह ने मामले की सूक्ष्मता से जांच के निर्देश दिये। मोबाइल नंबर और बैंक खातों के ट्रांजेक्शन की तफ्तीश के दौरान ये पता चला, कि ठगी की साजिश देश की राजधानी दिल्ली से रची जा रही है। लिहाजा राजधानी पुलिस की एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया। रायपुर पुलिस की टीम दिल्ली में जांच शुरू की, इस दौरान आरोपियों के ठिकानों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अपनी पहचान बदली। कभी किरायेदार बनकर, तो कभी नौकरी की तलाश के नाम पर आरोपियों के ठिकानों पर पहुंचने की पुलिस ने कोशिश की। तकनीकी विश्लेषण एवं पतासाजी के क्रम में यह भी ज्ञात हुआ कि आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबर फर्जी होने के साथ ही उपयोग में लाये गये बैंक खातों के पते भी दूसरे व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। आरोपियों द्वारा उन मोबाईल नंबरों एवं खातों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ठगी की वारदात को कारित करने के लिए किया गया था।
टीम ने एक सप्ताह से भी अधिक समय तक दिल्ली में कैम्प कर आरोपियों के संभावित लोकेशन पर बारिकी से रेकी करने पर आरोपियों द्वारा नोएडा में कॉल सेंटर संचालित करने के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। जिसके बाद रायपुर पुलिस एक्शन में आयी। टीम ने बी-41, सेक्टर 63, नोएडा स्थित एम डी वेल्थ क्रेटर कॉल सेंटर में रेड कार्यवाही कर फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर वृहद पैमाने पर ठगी करने वाले 14 आरोपियों को पकड़ा गया। इसके अतिरिक्त कॉल सेंटर में कार्यरत व मौके में उपस्थित 25 महिला समेत कुल 41 व्यक्तियों को नोटिस दिया तथा ठगी के वरदातों में उनकी भूमिका की जाँच की जा रही है। पूछताछ में आरोपियों द्वारा उक्त ठगी के वारदात को अंजाम देना स्वीकार करने के साथ ही स्वयं को इंश्योरेंस वेरीफिकेशन डिपार्टमेंट से होना बताकर देशभर के अलग -अलग स्थानों से करोड़ो रूपये की ठगी कर धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है।
कार्यवाही के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 57 मोबाईल फोन, 1 वायरलेस फोन, 1 लैपटॉप, विभिन्न बीमा कंपनियों से संबंधित 1000 से अधिक पन्नों का दस्तावेज तथा 50 से अधिक फर्जी सिम कार्ड जप्त किया गया है। आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर लाकर इस अपराध के अतिरिक्त देश के अन्य जगहों में अंजाम दिये गये ठगी के घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर ज्ञात हुआ है कि आरोपियों द्वारा बीमा पॉलिसी के नाम पर धोखाधड़ी सिंडीकेट एवं गिरोह चलाकर छ.ग. राज्य के रायपुर, दुर्ग, धमतरी के साथ ही साथ असम, हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में भी इस प्रकार की ठगी की घटना को अंजाम दिये है। आरोपी मनजेश कुमार चौहान को वर्ष 2019 में जिला दुर्ग से 65 लाख रूपये के ठगी के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। रवि चौहान एवं ऋषभ चैहान पूर्व में दिल्ली से ठगी के मामलों में गिरफ्तार हो चुके है। आरोपी 6 माह में स्थान परिवर्तन कर अपना कॉल सेंटर को परिवर्तित कर देते है। जांच में वर्तमान में आरोपियों द्वारा असम निवासी ललित शर्मा से 25 लाख रूपये की ठगी होने तथा रोहतक, हरियाणा के प्रार्थी से लगभग 40
लाख रूपये की राशि की ठगी किये जाने की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही देशभर के अलग – अलग राज्यों में वृहद तौर पर ठगी की वारदात को अंजाम देना ज्ञात हुआ है।आरोपियों द्वारा जिला धमतरी के एक व्यक्ति से ठगी करने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिस संबंध में धमतरी पुलिस को भी जानकारी उपलब्ध करायी जा रहीं है।