Pahalgam Terror Attack News: पहलगाम आतंकी हमला: प्रधानमंत्री ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की

नई दिल्ली: Pahalgam Terror Attack News नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है। पीएम आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक चल रही है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, कैबिनेट सचिव और रक्षा सचिव मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पहलगाम हमले के जवाब में कड़े कदम और पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन प्लान पर फैसला हो सकता है।

पहलगाम हमले ने बढ़ाई सुरक्षा चिंताएं

पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने स्टील बुलेट्स का इस्तेमाल कर निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में मारे गए लोगों में भारत के विभिन्न राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा) के पर्यटकों के साथ-साथ यूएई और नेपाल के दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद हो सकता है।

हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौट आए। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने NSA अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रारंभिक बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह ने भी पहलगाम में घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

CCS बैठक का एजेंडा
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) देश की सर्वोच्च सुरक्षा समिति है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नीतिगत फैसले लेती है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सैन्य या कूटनीतिक कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संकेत दिया है कि हमले के पीछे ‘पर्दे के पीछे’ सक्रिय ताकतों को करारा जवाब दिया जाएगा, जिसे पाकिस्तान की ओर इशारा माना जा रहा है। CCS बैठक में पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी आतंकवाद-समर्थक नीतियों को उजागर करने की रणनीति बन सकती है

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षाबलों की तैनाती, खुफिया तंत्र को मजबूत करने और पर्यटक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, CCS बैठक के बाद सरकार विपक्ष को भरोसे में लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुला सकती है, ताकि इस संकट पर राष्ट्रीय एकजुटता प्रदर्शित की जा सके।