आजादी के 75 साल बाद शारदा मंदिर की नवरात्रि पूजा

Toran Kumar reporter

जम्मू-कश्मीर में 75 साल में पहली बार लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर स्थित शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा का आयोजन किया गया. देश भर से आए सैकड़ों तीर्थयात्रियों ने इस समारोह में हिस्सा लिया. देश के विभाजन के बाद पिछले 75 वर्षों बाद यहां पहली बार नवरात्रि में देवी पूजा का आयोजन किय गया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कश्मीर के शारदा मंदिर में आयोजित नवरात्रि पूजा की सराहना की, जहां 1947 के बाद पहली बार यह पूजा की गई थी. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल 23 मार्च को टीटवाल में नियंत्रण रेखा पर स्थित शारदा मंदिर का उद्घाटन किया था.

शाह ने कहा, इसने घाटी में शांति की वापसी का संकेत दिया. गृह मंत्री ने कहा कि मंदिर में पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक लौ को फिर से जगाने का प्रतीक है.

सोमवार को कश्मीर के टीटवाल में नियंत्रण रेखा पर स्थित नवनिर्मित शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा आयोजित की गई. मंदिर का उद्घाटन इस साल 23 मार्च को गृह मंत्री ने उसी जमीन के टुकड़े पर किया और उसी पैटर्न पर – जहां विभाजन से पहले के दिनों में मंदिर मौजूद था.

इस मौके पर हम्पी के स्वामी गोविंदानंद सरस्वती अपने अनुयायियों के साथ कर्नाटक में भगवान हनुमान की जन्मस्थली किष्किंधा से रथयात्रा पर यहां पहुँचे कुछ कश्मीरी पंडित तीर्थयात्री भी यहां मौजूद थे.

सेव शारदा कमेटी कश्मीर के प्रमुख रविंदर पंडिता ने कहा, “विभाजन के बाद पहली बार नियंत्रण रेखा पर स्थित शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा करना एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण था. यहां जो मंदिर और गुरुद्वारा था, उसे 1947 में कबाइली हमलों में जला दिया गया था और उसी ज़मीन पर एक नया मंदिर और गुरुद्वारा बनाया गया है, जिसका का उद्घाटन इस साल 23 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था.



सेव शारदा कमेटी कश्मीर के प्रमुख रविंदर पंडिता ने कहा, “विभाजन के बाद पहली बार नियंत्रण रेखा पर स्थित शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा करना एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण था. यहां जो मंदिर और गुरुद्वारा था, उसे 1947 में कबाइली हमलों में जला दिया गया था और उसी ज़मीन पर एक नया मंदिर और गुरुद्वारा बनाया गया है, जिसका का उद्घाटन इस साल 23 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था.



गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी सराहना की और कहा, “यह गहन आध्यात्मिक महत्व की बात है कि 1947 के बाद पहली बार, इस साल कश्मीर के ऐतिहासिक शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा आयोजित की गई है.” उन्होंने आगे कहा, “इस साल की शुरुआत में चैत्र नवरात्रि पूजा मनाई जाती थी और अब शारदीय नवरात्रि पूजा के मंत्र मंदिर में गूंजते हैं. मैं 23 मार्च 2023 को जीर्णोद्धार के बाद मंदिर को फिर से खोलने के लिए भाग्यशाली था.

शाह ने कहा, यह न केवल घाटी में शांति की वापसी का प्रतीक है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारे देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक लौ को फिर से प्रज्वलित करने का भी प्रतीक है.

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