बताया जा रहा है कि अगर नाटो प्लस का छठा हिस्सा भारत को बनाया जाता है, तो इन देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में सुविधा होगी। साथ ही भारत को अमेरिका के साथ रक्षा-सुरक्षा से आसानी से जोड़ा जा सकेगा।
बताया जा रहा है कि अगर नाटो प्लस का छठा हिस्सा भारत को बनाया जाता है, तो इन देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में सुविधा होगी। साथ ही भारत को अमेरिका के साथ रक्षा-सुरक्षा से आसानी से जोड़ा जा सकेगा।