Toran Kumar reporter…9.6.2023/✍️
मुंबई में मनोज साणे नाम का 56 साल का एक व्यक्ति पुलिस की गिरफ्त में है. इस व्यक्ति पर अपनी लिव-इन-पार्टनर सरस्वती वैद्य की हत्या करने का आरोप है. पुलिस मनोज साणे से लगातार पूछताछ कर रही है. पुलिस जानने की कोशिश कर रही है कि उसने सरस्वती वैद्य को क्यों और किन हालात में मारा. लेकिन मनोज ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने सरस्वती की हत्या नहीं की, बल्कि सरस्वती ने 3 जून को आत्महत्या कर ली थी.
इसके बाद जब उससे पूछा गया कि फिर उसने सरस्वती के शव के टुकड़े क्यों किए? तो इस पर मनोज साणे ने बताया कि वह डर गया था, उसे डर था कि उसे सरस्वती की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इसलिए उसने निर्णय लिया कि वह सरस्वती के शव को ठिकाने लगा देगा.
मनोज साणे के इस बयान के बाद अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या सच में सरस्वती ने आत्महत्या की थी? इस मामले कीं जाच जारी है और मनोज के घर से मिले सरस्वती के शव के टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए जेजे अस्पताल भेजा गया है. मीरा भयंदर, वसई-विरार पुलिस का कहना है कि उन्हें मनोज के उस दावे पर शक है, जिसमें उसका कहना है कि उसकी लिव-इन पार्टनर सरस्वती ने आत्महत्या की थी.
पुलिस के अनुसार ठाणे के मीरा भयंदर इलाके में एक फ्लैट में सरस्वती का शव बरामद हुआ था, जिसके कई टुकड़े किए गए थे. उसने बताया कि पीड़िता सरस्वती वैद्य फ्लैट में मनोज साणे के साथ ‘लिव-इन’ में रहती थी. दोनों पिछले तीन साल से इस तरह रह रहे थे. पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गुरुवार 8 जून को गिरफ्तार किया और अदालत ने उसे 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. आरोपी के पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ दिनों से उस फ्लैट से दुर्गंध आ रही थी.
पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव ने बताया कि बदबू के बारे में उन्होंने खुद ही साणे से बात करने का फैसला किया, क्योंकि आमतौर पर साणे अपना फ्लैट नहीं खोलता था. उन्होंने कहा, ‘बुधवार को साणे के फ्लैट से आने वाली असहनीय दुर्गंध को लेकर उन्होंने बात करने का फैसला किया और साणे के दरवाजे पर दस्तक दी. शुरू में अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, कुछ देर बाद साणे ने दरवाजा खोला. इससे पहले उसने बदबू को दूर करने के लिए रूम फ्रेशनर का छिड़काव किया. मैंने स्प्रे की आवाज सुनी.’
सोमेश श्रीवास्तव ने कहा कि साणे ने दरवाजा खोला और यह कहकर बाहर निकलने लगा कि उसे किसी जरूरी काम से बाहर जाना है और वह रात में करीब 10.30 बजे लौटेगा. उस समय सोमेश की मां ने गौर किया कि साणे की महिला साथी उसे विदा करने के लिए वहां नहीं थी, जबकि साणे जब भी बाहर जाता था तो वह बाहर आकर उसे विदा करती थी. श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ है और उन्होंने हाउसिंग सोसाइटी के पदाधिकारियों को सूचित किया. उसके बाद पदाधिकारियों ने बिल्डर व फ्लैट के एजेंट को बुलाया. सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम भी पहुंच गई. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और अंदर प्रवेश किया.
सोमेश श्रीवास्तव ने कहा कि वह भी घर के अंदर गए. पुलिस को हॉल में लकड़ी काटने वाली आरी और बेडरूम में प्लास्टिक का एक टुकड़ा मिला. उन्होंने कहा कि रसोई में तीन बाल्टियों में खून और शव के कटे टुकड़े देखकर वे लोग चौंक गए. वहां हड्डियां भी पड़ी थीं. इसके बाद पुलिस ने साणे को पकड़ने का फैसला किया और उसके लौटने का इंतजार किया. सोमेश श्रीवास्तव ने कहा, हालांकि, साणे ने कहा था कि वह रात 10.30 बजे तक लौटेगा, लेकिन वह रात करीब 8.30 बजे वापस आया और पुलिस को देखकर उसने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन फ्लैट के एजेंट ने उसे पहचान लिया और तुरंत पकड़ लिया गया.