अशांत मणिपुर में बीते दिन फिर हिंसा भड़क उठी. शनिवार तड़के बिष्णुपुर जिले में हुई झड़प में एक बुजुर्ग व्यक्ति और उसके बेटे सहित तीन लोगों की मौत हो गई वहीं, कुछ लोग घायल भी हुए हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ संदिग्ध आतंकवादियों ने क्वाक्टा लमखाई गांव पर धावा बोला और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कुछ लोग घायल भी हुए. इस बीच मणिपुर पुलिस ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें मणिपुर घाटी के जिलों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से हथियारों और गोला-बारूद की लूट पर प्रकाश डाला गया.
पुलिस स्टेशनों से हथियारों और गोला-बारूद की लूट
रिपोर्ट में कहा गया कि लूटे गए हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के लिए सुरक्षा बल पहाड़ी और घाटी इलाकों में लगातार छापेमारी कर रहे हैं. घाटी के जिलों में 1057 हथियार और 14201 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं और पहाड़ी जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं. एक तलाशी अभियान के दौरान शनिवार शाम को सशस्त्र विद्रोहियों ने मोंगचाम में सेना की टुकड़ी पर गोलीबारी की. सेना के जवानों ने सुनियोजित तरीके से जवाबी कार्रवाई की और गोलीबारी में केआईए के एक सशस्त्र विद्रोही को गोली लग गई. उसे पकड़ लिया गया, जबकि अन्य भागने में सफल रहे. घटनास्थल से एक सेल्फ लोडिंग राइफल, कुछ गोला-बारूद और युद्ध जैसे सामान बरामद किए गए.
मणिपुर में भारी सुरक्षा की खामियां
इस बीच, मणिपुर के भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने शनिवार को दावा किया कि क्वाक्टा लमखाई घटना पर आतंकवादी हमले में भारी सुरक्षा खामियां थीं. भाजपा विधायक, जो मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद भी हैं, ने कहा कि भारी संख्या में अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी के बावजूद दूसरे जिलों से उग्रवादी गांव में आए और तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. इमो सिंह ने कहा, “गांव में ड्यूटी पर तैनात तथाकथित अर्धसैनिक बलों को निलंबित करने की जरूरत है। हम केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) को नियमित रूप से पत्र और ज्ञापन लिख रहे हैं कि कुछ सुरक्षा बल लोगों और राज्य के बीच अशांति पैदा कर रहे हैं.”