चुनाव आयोग (ECI) से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने अजित पवार (Ajit Pawar) गुट को असली NCP माना और पार्टी का सिंबल भी अलॉट करने का फैसला सुनाया. चुनाव आयोग ने 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया. लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार के लिए यह बड़ा झटका है.
निर्वाचन आयोग ने कहा कि विवादित आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर ‘विधायी बहुमत के परीक्षण’ ने अजित पवार गुट को NCP का चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की. निर्वाचन आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक दल का नाम रखने के लिए विशेष छूट भी प्रदान की है.
शरद पवार को चुनाव आयोग से मिला यह विकल्प
चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने शरद पवार (Sharad Pawar) को अपने नए राजनीतिक पार्टी गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है. इस रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक ही किया जा सकता है.
Election Commission has ruled in our favour after listening to the arguments of our lawyers. We welcome this humbly: NCP chief and Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar
— ANI (@ANI) February 6, 2024
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चुनाव आयोग की तरफ से अपने पक्ष में आये फैसले पर अजित पवार का भी बयान आया है. अजित पवार ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है. हम इसका विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं.
#WATCH | Ajit Pawar's supporters celebrate as ECI rules the NCP name and symbol matter in favour of their faction.
— ANI (@ANI) February 6, 2024
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जुलाई में अजित ने चाचा से की थी बगावत
चुनाव आयोग के फैसले के बाद अजित पवार गुट के समर्थकों ने मुंबई में जश्न मनाया. मालूम हो कि बीते साल जुलाई महीने में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर NCP के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद गठबंधन सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.