महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में फर्जी पहचान के सहारे होटल में रहने का एक बड़ा मामला सामने आया है. शहर की एक महिला ने जालना रोड पर स्थित एक पांच सितारा होटल में करीब छह महीने तक ठहरने के लिए झूठे दस्तावेजों का सहारा लिया. संदेह होने पर सिडको पुलिस ने जब कमरे की तलाशी ली तो उसके बैग से 2017 की यूपीएससी चयन सूची की एक कॉपी मिली, जिसमें उसका नाम 333 नंबर पर दर्ज था. जांच में यह सूची फर्जी निकली. पुलिस को यह भी पता चला कि उसके आधार कार्ड में भी छेड़छाड़ की गई थी.
आगे की जांच में पता चला कि महिला के खाते में अफगानिस्तान में रहने वाले उसके प्रेमी अशरफ खलील और पाकिस्तान में मौजूद उसके भाई आवेद के खातों से बड़ी रकम भेजी गई थी. उसके फोन में दोनों के पासपोर्ट, वीजा और भारत आने के आवेदन की तस्वीरें भी मिलीं.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एटीएस और आईबी उसकी पूछताछ कर रहे हैं. महिला की पहचान 45 वर्षीय कल्पना त्रिंबकराव भागवत के रूप में हुई है. वह पिछले छह महीने से अपनी मां के साथ होटल में रह रही थी. होटल का किराया लगभग सात हजार रुपये प्रतिदिन बताया गया है.
कल्पना भागवत अक्सर जयपुर और दिल्ली की यात्रा करती थी. वह दावा करती थी कि उसकी मुलाकातें ऊर्जा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के कई अधिकारियों से होती हैं. बिना वीजा वाले लोगों को वीजा दिलाने और बड़े तबादले करवाने का भरोसा देती थी. उसके पास पुणे के एक पूर्व कुलपति का कथित प्रमाणपत्र मिला, जिसमें उसे ‘सर्वश्रेष्ठ IAS अधिकारी’ बताया गया है. अब इसकी भी जांच की जा रही है. वह पिछले कुछ समय से एक अफगान युवक के साथ लिव-इन में थी, जो उससे करीब दस साल छोटा है.
पुलिस उस अफगान युवक के परिवार के पाकिस्तान में रहने की जानकारी की भी जांच कर रही है. महिला कई बड़े नेताओं से संबंध होने का भी दावा करती थी. पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि मामला सिर्फ ठगी का है या इसके पीछे कोई और गंभीर मकसद जुड़ा हुआ है. डीसीपी प्रशांत स्वामी का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है.

