लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुगा को पुलिस ने किया गिरफ्तार, यौन शोषण का आरोप

लिंगायत मठ (Lingayat Seer) के स्वामी शिवमूर्ति गुरुगा (Shivamurthy Murugha) को यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. स्वामी शिवमूर्ति मुरुगा की गिरफ्तारी POCSO एक्ट के तहत हुई है. इसके पहले उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था. इन सबके बीच संत शिवमूर्ति गुरुगा ने दावा किया है कि उन पर लगाए गए आरोप लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा है. उन्होंने भरोसा जताया कि वह मामले में बाइज्जत बरी होकर आएंगे. उन्होंने कहा कि वह कानून का पालन करने वाले हैं और जांच में सहयोग करेंगे.

इससे पहले चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने मुरुगा मठ द्वारा संचालित एक उच्च विद्यालय की लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारु की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी थी. वहीं, अधिवक्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक हाईकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराये जाने की मांग की है.

अधिवक्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दावा किया कि नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के शिवमूर्ति मुरुगा स्वामी के खिलाफ जांच ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं की जा रही है.’ पत्र में आरोप लगाया गया कि चित्रदुर्ग के विधायक थिप्पारेड्डी नियमित रूप से महंत के पास जाते रहे हैं और आरोपी को ‘समर्थन’ दे रहे हैं.इसमें कहा गया कि गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र प्रेस बयान जारी कर कह रहे हैं कि मठ का एक कर्मचारी स्वामीजी के खिलाफ साजिश कर रहा है.

मठ के प्रशासनिक अधिकारी एसके बसवराजन ने कहा कि वह महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारु के खिलाफ किसी साजिश में शामिल नहीं हैं और उन्होंने बच्चों की रक्षा करने की कोशिश कर अपना कर्तव्य निभाया है. मठ के अधिकारियों ने पूर्व विधायक बसवराजन और उनकी पत्नी पर महंत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. बसवराजन ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सभी को सब कुछ पता चल जाएगा और अगर बच्चे सही हैं, तो उन्हें न्याय मिलेगा.

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