जालना जिले में सोमवार सुबह 6 बजे से 17 सितंबर दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू का आदेश दिया गया है. अपर जिलाधिकारी केशव नेटके ने इस संबंध में आदेश दिये हैं. जालना में मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद यहां हालात बिगड़ गए हैं और प्रशासन ने एहतियात के तौर पर ये आदेश लागू किए हैं.
किसे नुकसान?
कर्फ्यू आदेश के कारण जालना में मराठा आरक्षण के अवसर पर राजनीतिक सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच आत्मदाह, भूख हड़ताल, धरना, मार्च, सड़क जाम और आरोप-प्रत्यारोप के मद्देनजर हथियार, लाठियां, बंदूकें, तलवारें, भाले, चाकू को नहीं ले जाया जा सकता है. इसके अलावा, पत्थरों को इकट्ठा करके एक साथ नहीं रखा जा सकता, उन्हें इधर-उधर नहीं ले जाया जा सकता. वाणी के माध्यम से कोई किसी व्यक्ति या समूह की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकता, संगीत या संगीत के माध्यम से कोई किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकता है. जालना में लगाए गए कर्फ्यू के कारण, 6 को श्रीकृष्ण जयंती, 7 को गोपालकाला और 14 को पोला के साथ-साथ 17 सितंबर को मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर जुलूस और अन्य कार्यक्रम रद्द करने होंगे.
लाठीचार्ज और सड़क जाम
मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद जालना में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं. उधर, पथराव और लाठीचार्ज में प्रदर्शनकारी और पुलिस घायल हो गए. इस घटना की पूरे राज्य में निंदा हो रही है. कहीं सख्ती से बंद का पालन किया गया तो कहीं आक्रामक तरीके से सड़क जाम की गयी. कुछ जगहों पर आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं.
तलाथी भर्ती परीक्षा होगी या नहीं?
जालना घटना का पूरे राज्य में असर हो रहा है और इस पृष्ठभूमि में, तलाथी भर्ती परीक्षा सोमवार को राज्य भर में आयोजित की जाएगी. भले ही विभिन्न संगठनों ने कल राज्य में बंद का आह्वान किया है, लेकिन तलाथी भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएगी और इसके लिए परीक्षा आयोजित करने वाले संगठन ने छात्रों से उचित सावधानी बरतने और समय से पहले परीक्षा केंद्र में उपस्थित होने की अपील की है. इस संबंध में सभी अभ्यर्थियों को मेल भेज दिया गया है. मराठा क्रांति मोर्चा के विनोद पाटिल ने आश्वासन दिया है कि अगर कल भी बंद बुलाया जाता है, तो इसका किसी भी परीक्षार्थी या नागरिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा.