Iraq Clashes : इराक में शिया धर्मगुरु के राजनीति से हटने की घोषणा के बाद हिंसक झड़प में 20 की मौत, 300 से ज्यादा घायल

इराक के एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान किया तो हजारों की संख्या में उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए. भारी संख्या में मुक्तदा समर्थकों ने सरकारी महल के बाहर डेरा डाल लिया है. इस दौरान अल-सद्र और सुरक्षा बलों के बीच हुई हिंसक झड़प में मरने वालों का आंकड़ा 20 पहुंच गया है. स्पुतनिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, झड़पों में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इराक की सेना ने बढ़ते तनाव को शांत करने और झड़पों की आशंका को देखते हुए बगदाद में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है. इधर मुक्तदा अल-सदर ने हिंसा और हथियारों का इस्तेमाल बंद होने तक भूख हड़ताल की घोषणा की है.

पहले से ही राजनीतिक संकट का सामना कर रहे इराक में तमाम तरह की आशंकाओं ने जन्म ले लिया है. इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे. उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था.

यह पहली बार नहीं है जब अल-सद्र ने संन्यास की घोषणा की है. वह इससे पहले भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं. कई लोगों ने अल-सदर के इस कदम को वर्तमान गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने की एक कवायद करार दिया है. हालांकि कुछ ने यह आशंका जताई है कि इस बार के उनके कदम से देश की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही खराब है.

महल के अंदर घुस हए कई प्रदर्शनकारी

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन पैलेस के बाहर सीमेंट के बैरियर को रस्सियों से नीचे गिराया और महल के फाटकों को तोड़ दिया। उनमें से कई महल के सभागार में पहुंच गए. इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने मांग की कि अल-सदर अपने समर्थकों से सरकारी संस्थानों से हटने का आह्वान करे. उन्होंने कैबिनेट की बैठकें स्थगित करने की भी घोषणा की.

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