Raju Pal Murder Case: बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई (CBI) कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस हत्याकांड में 7 लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ पर भी हत्या का आरोप लगा था. दोनों की पिछले साल पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई थी.
सीबीआई कोर्ट ने माफिया अतीक के शूटर आबिद प्रधान, जावेद, अब्दुल कवि, फरहान, इसरार, गुल हसन और रंजीत पाल को सजा सुनाई है. कोर्ट ने फरहान अहमद को आर्म्स एक्ट में 4 साल की सजा और 20000 जुर्माना लगाया है. वहीं, अब्दुल, रंजीत पाल, इसरार अहमद, जावेद, गुल हसन और आबिद प्रधान को आजीवन कारावास की सजा और 50-50 हजार जुर्माना लगाया है.
राजनीतिक दुश्मनी में की थी राजू पाल की हत्या
25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बीएसपी एमएलए राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में की गोलियों से भूनकर हत्या की गई थी. विधानसभा चुनाव में अशरफ को हराने के चलते राजू पाल की राजनीतिक दुश्मनी में हत्या की गई थी. राजू ने 2004 में प्रयागराज पश्चिम सीट से विधानसभा उपचुनाव जीता था, जो अतीक और अशरफ को पसंद नहीं आया था. अतीक अहमद और अशरफ ने गुर्गों के साथ मिलकर प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की थी.
नौ महीने पहले ही हुई थी शादी
गोलीबारी में राजू और उसके दो साथी देवीलाल पाल और संदीप यादव की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य रुकसाना, सैफ उर्फ सैफुल्ला और ओम प्रकाश पाल गोली लगने से घायल हो गए थे. उसी दिन, राजू की पत्नी पूजा पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक, अशरफ और सात अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. यह घटना उनकी शादी के ठीक नौ दिन बाद हुई थी.
2016 में सीबीआई को सौंपी थी जांच
इस मामले में सीबीआई ने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत 10 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर, मामले की जांच 22 जनवरी, 2016 को सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई थी.
पुलिस हिरासत में हुई थी अतीक और उसके भाई की हत्या
हालांकि, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को पिछले साल प्रयागराज के एक अस्पताल से पुलिस द्वारा ले जाते समय तीन युवकों ने गोली मार दी थी. आरोप पत्र में नामित और दोषी ठहराए गए लोगों में आबिद, फरहान अहमद, जावेद, रंजीत, इसरार, गुल हसन और अब्दुल कवि शामिल हैं. मुकदमे के दौरान गुलफूल उर्फ रफीक अहमद की भी मौत हो गई थी.
आरोपियों को आईपीसी 302 (हत्या), 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा), और 148 (सशस्त्र हथियारों के साथ दंगा) के आरोप के तहत दोषी ठहराया गया है. इस हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की भी फरवरी 2023 में हत्या कर दी गई थी. उनके साथ उनके दो गनर्स को भी मार दिया गया था.