बिहार की राजधानी पटना क़े VIP इलाके में स्थित पारस अस्पताल क़े ICU वार्ड में एडमिट कुख्यात चंदन मिश्रा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। चंदन मिश्रा 2011 के चर्चित राजेंद्र केसरी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा था और वर्तमान में इलाज क़े लिए पैरोल पर बाहर आया हुआ था।
कौन था चंदन मिश्रा?
चंदन मिश्रा बिहार के बक्सर जिले के सोनबरसा गांव का निवासी था। उसका नाम आपराधिक दुनिया में काफी चर्चित रहा है। 2011 में हुए राजेंद्र केसरी हत्याकांड में उसे दोषी ठहराया गया था, और कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पैरोल पर बाहर, इलाज के लिए आया था अस्पताल
चंदन मिश्रा जेल से पैरोल पर बाहर था और अपनी बीमारी के इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल में भर्ती था। गुरुवार को कुछ अज्ञात हमलावर अस्पताल में घुसे और उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। चंदन मिश्रा को मौके पर ही गोली लगने से मौत हो गई।
पटना SSP ने बताया कि चंदन एक कुख्यात अपराधी था। वो10 से ज्यादा मर्डर केस में आरोपी था। मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है।
पटना पुलिस ने CCTV की मदद से शूटर की पहचान की है। उसके खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट समेत एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं।
पुलिस का दावा है कि शूटर पटना के फुलवारी शरीफ का रहने वाला है।
CCTV में कैद हुए हत्यारे
मर्डर का CCTV भी सामने आया है। इसमें 5 अपराधी बड़े आराम से चंदन मिश्रा के वॉर्ड तक आते हैं। कमरे के बाहर एक-एक कर अपनी कमर से पिस्टल निकालते हैं। फिर कमरे में दाखिल होते हैं।
गोली मारकर करीब 30 सेकेंड में बाहर आते हैं। पिस्टल कमर में खोंसकर फरार हो जाते हैं।
15 दिनों की पैरोल पर बाहर आया था
बताया जा रहा है कि चंदन मिश्रा 15 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया था। 18 जुलाई को उसकी पैरोल खत्म हो रही थी। 18 जुलाई को वापस उसे पटना के बेऊर जेल लौटना था।
इस बीच तबीयत खराब होने के बाद वह पटना के पारस अस्पताल में अपना इलाज कर रहा था।
चंदन हॉस्पिटल के बेड नंबर 209 पर लेटा था। सोए अवस्था में गोली मारी गई। बुधवार को ही डिस्चार्ज होने वाला था। लेकिन किसी कारण से नहीं हो पाया। आज गुरुवार को डिस्चार्ज होने वाला था।
चंदन मिश्रा को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। पिछले 12 सालों से वह जेल में बंद था। वो बक्सर जेल से भागलपुर और भागलपुर से फिर पटना के बेऊर जेल में सजा काट रहा था।