मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से मासूम बच्चे की मौत हो गई है। दवा लेने के बाद ही मासूम बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान बच्चे की जान निकल गई। चाचा मुंह में ऑक्सीजन फूंककर जगाने की कोशिश कर रहे थे।
20 दिन के नवजात की मौत
वहीं, जिला अस्पताल में गुरुवार को 20 दिन के नवजात की मौत के बाद हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला। मासूम के परिजन, विशेषकर उसके चाचा, उसे बचाने के लिए मुंह से ऑक्सीजन देने की कोशिश करते रहे, लेकिन बच्चे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
‘बंगाली डॉक्टर’ से कराया चर्चा
जानकारी के अनुसार, लखरावन गांव निवासी भारत अहिरवार के 20 दिन के भतीजे को हल्का बुखार और जुकाम था। गुरुवार सुबह बच्चे की मां इलाज के लिए कोटा इलाके में एक तथाकथित ‘बंगाली डॉक्टर’ के पास पहुंची। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर द्वारा दी गई दवा लेने के तुरंत बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ने लगी।
निजी अस्पताल लेकर पहुंचे
घबराए परिजन बच्चे को पहले एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से इलाज से मना कर दिया गया। इसके बाद बच्चे को जिला अस्पताल लाया गया कि जहां डॉ अभय सिंह ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉ अभय सिंह ने बताया कि नवजात को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। मौत का असली कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। इस संबंध में सीएमएचओ से संपर्क नहीं हो सका है

