छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में तेज आवाज में DJ बजाया तो अब खैर नहीं! न्यायालय से आदेश के बाद प्रशासन सख्त, कलेक्टर ने बुलाई बैठक

Toran Kumar reporter

राजनांदगांव: DJ, गणेश विसर्जन की रात शहरों में चलित विसर्जन झांकियां निकाले जाने की परंपरा चली आ रही है। इस दौरान बीते कुछ वर्षों से बड़ी मात्रा में डीजे साउंड सिस्टम इन झांकियां में लगाया जाता है। ध्वनि प्रदूषण को लेकर न्यायालय से आदेश जारी होने के बाद कलेक्टोरेट कार्यालय में गणेश उत्सव समितियों की बैठक बुलाकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने नियमों की जानकारी दी है।

राजनांदगांव शहर में आगामी 17 सितम्बर की रात लगभग 40 समितियां द्वारा गणेश विसर्जन झांकी निकाली जाएगी। इस दौरान डीजे को लेकर जारी गाईड लाईन की जानकारी देने कलेक्टोरेट कार्यालय में बैठक रखी गई। जहां सभी समितियों के लोगों को 55-60 डिसेबल से अधिक में सऊंड सिस्टम नहीं बजाने कहा गया है। वहीं वाहन पर डीजे बाक्स बांधे जाने पर कार्यवाही की बात कही गई है।

बैठक को लेकर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि राजनांदगांव में विसर्जन झांकी की परम्परा 1938 से चली आ रही है, जो ऐतिहासिक है, लेकिन हम सब को न्यायालय के आदेश का पालन करना है। वहीं पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कडी़ कार्रवाई की जाएगी।

गणेश समितियों के लोगों को बताया गया कि बीते 11 सितम्बर को न्यायालय से जारी आदेश में कहा गया है, कि वाहन पर डीजे बाक्स बांधने पर वाहन का रिकार्ड रखा जाएगा। साऊंड सिस्टम जब्त किया जाएगा और दोबारा पकडे़ जाने पर वाहन का परमिट रद्द किया जाएगा। जिसपर बैठक में उपस्थिति गणेश समितियों के लोगों प्रशासन से बीच का रास्ता निकालने की अपील की है

विसर्जन झांकियों में रातभर बजने वाले डीजे को लेकर कई लोगों को दिक्कतें होती हैं। वहीं डीजे की वजह से हो रही घटनाओं को लेकर अब इस ओर सख्ती की जा रही है।

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