Toran Kumar reporter
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग ने एक बार फिर छात्र संघ चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया है। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी कालेजों में मनोनयन के माध्यम से छात्र नेता चुने जाएंगे। कालेजों में छात्रसंघ गठन के लिए प्रक्रिया शुरू होते ही सियासत तेज हो गई। मेधावियों पर अपने संगठन से जुड़ने का दबाव छात्र संगठन बना रहे हैं। खासकर यह नियम आने के बाद छात्र संगठनों की धड़कन तेज हो गई है कि छात्र पदाधिकारियों का गठन मेरिट के आधार होगा और जो पदाधिकारी शपथ ग्रहण नहीं करेगा, उसके पद को खाली रखा जाएगा। यानी उसके बाद वाले मेधावी को अवसर नहीं दिया जाएगा।
ज्यादातर कालेजों में रहेगी छात्राओं की हुकूमत
राजधानी समेत प्रदेश के अधिकतर कालेजों में स्नातकोत्तर (पीजी) और स्नातक (यूजी) की कक्षाओं में छात्राओं के अंक अधिक हैं। शहर के साइंस कालेज, महंत कालेज, दुर्गा कालेज, छत्तीसगढ़ कालेज में पीजी और यूजी की कक्षाओं में छात्राओं के अंक अधिक हैं। ऐसे में शहर के बड़े कालेजों में छात्राएं ही हुकूमत करेंगी।
जहां सिर्फ यूजी, वहां के लिए नियम
अध्यक्ष- किसी भी यूजी का भाग तीन का विद्यार्थी
उपाध्यक्ष- किसी भी यूजी का भाग तीन का विद्यार्थी
सचिव – किसी भी यूजी का भाग दो का विद्यार्थी
सह सचिव- किसी भी यूजी का भाग एक का विद्यार्थी
सीआर – यूजी के हर सेक्शन से
जहां सिर्फ पीजी, वहां के लिए नियम
अध्यक्ष- फाइनल ईयर या सेमेस्टर पीजी का विद्यार्थी
उपाध्यक्ष- फाइनल ईयर या सेमेस्टर पीजी का विद्यार्थी
सचिव – प्रीवियस ईयर या सेमेस्टर पीजी का विद्यार्थी
सह सचिव -प्रीवियस ईयर या सेमेस्टर पीजी का विद्यार्थी
सीआर – पीजी के हर सेक्शन से चुने जाएंगे
जहां यूजी- पीजी दोनों, वहां के लिए नियम
अध्यक्ष- फाइनल सेमेस्टर पीजी का विद्यार्थी
उपाध्यक्ष- प्रीवियस सेमेस्टर पीजी का विद्यार्थी
सचिव – किसी भी यूजी का भाग तीन का विद्यार्थी
सह सचिव- किसी भी यूजी का भाग दो का विद्यार्थी
सीआर- यूजी और पीजी के हर सेक्शन से चुने जाएंगे